अभिषेक जायसवाल
वाराणसी. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को प्रबोधनी एकादशी कहा जाता है. इस दिन तुलसी विवाह मनाया जाता है. भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इस दिन को विशेष माना जाता है. इस दिन धार्मिक नगरी काशी के घाटों के अलावा घरों में शालिग्राम संग तुलसी जी का विवाह धूम धाम से किया जाता है. मान्यता है कि तुलसी विवाह से कन्यादान के समान फल मिलता है. इसके अलावा वैवाहिक जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं. श्रद्धालुओं पर मां लक्ष्मी की सदैव कृपा बनी रहती है और धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती.
काशी के प्रख्यात ज्योतिषाचार्य स्वामी कन्हैया महाराज ने बताया कि तुलसी जी को मां लक्ष्मी और शालिग्राम को भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है. इस दिन जो भी श्रद्धालु अपने घर में इनका विवाह संपन्न कराता है उसके घर में माता लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी होती है. इसके अलावा शादीशुदा जिंदगी से सारे कष्ट दूर होते हैं.
वैवाहिक कष्ट होंगे दूर
इस दिन शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी और शालिग्राम के विवाह के समय भक्तों को तुलसी जी को लाल चुनरी जरूर चढ़ानी चाहिए. इसके अलावा उन्हें रोली, कुमकुम का टीका लगाना चाहिए. साथ ही तुलसी जी के सामने घी का दीपक जरूर जलाना चाहिए. ऐसा करने से कुंवारी कन्याओं के वैवाहिक दोष दूर होते हैं और उन्हें उत्तम वर की प्राप्ति होती है. इसके अलावा जिनका विवाह हो चुका है, उनके जीवन में खुशहाली आती है और पति-पत्नी के आपसी मनमुटाव दूर होते हैं.
घर के आंगन में लगाना चाहिए तुलसी का पौधा
इस दिन घर में तुलसी जी का पौधा लगाना भी बेहद शुभ होता है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक घर के आंगन में तुलसी जी का पौधा लगाने और उनकी पूजा करने से सारे कलेश दूर होते हैं और घर में पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Banaras news, Lord vishnu, Up news in hindi, Varanasi news