रिपोर्ट – अभिषेक जायसवाल
वाराणसी. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Goverment) प्राथमिक स्कूलों को हाईटेक बना रही है लेकिन एक तस्वीर इसके उलट भी है. आप सोचकर देखिए कि एक बच्चा स्कूल टाइम में अचानक घर पहुंचता है और पूछने पर बताता है कि वह शौच के लिए घर आया है, उसे फिर स्कूल जाना है. इस बीच में उसकी पढ़ाई का आधे से एक घंटे तक का नुकसान हो जाता है. शहर के एक प्राथमिक विद्यालय में इस तरह की समस्या इतनी बड़ी हो चुकी है कि अब अभिभावक अपने बच्चों के नाम कटवाने के मूड में आ रहे हैं.
वाराणसी (Varanasi) के महमूरगंज स्थित शिवपुरवा प्राथमिक विद्यालय में पिछले डेढ़ महीने से बच्चे पानी के लिए परेशान हैंण् हैंडपंप में खराबी के कारण पानी का ऐसा टोटा है कि छोटे-छोटे बच्चों को किताब और कॉपी के अलावा एक नहीं बल्कि दो-दो बॉटल पानी लेकर स्कूल आना पड़ रहा है. पानी की ये किल्लत सिर्फ पेयजल तक सीमित नहीं बल्कि स्कूल में शौचालय में इस्तेमाल होने वाले पानी की भी है. शिक्षक इस मामले में लाचार दिख रहे हैं, तो बात अफसरों तक पहुंचकर फाइलों में अटककर रह गई है.
स्कूल के शिक्षकों की मानें तो उन्होंने शिकायत बेसिक शिक्षा अधिकारी से की है, लेकिन अब तक समाधान नहीं हो पाया है. दरअसल स्कूल में लगे हैंडपंप के बोरिंग के ज़रिये स्कूल की टंकी में पानी भरा जाता था लेकिन लगभग डेढ़ महीने पहले बोरिंग में खराबी के कारण टंकी खाली है. स्कूल में लगा नल और हैंडपंप बस शो पीस बनकर खड़ा है. हाल ये है कि शौचालय के लिए भी पानी अब स्कूल के कर्मचारियों को बाहर से लाना पड़ रहा है.
स्कूल के शिक्षक सन्तोष मिश्रा ने का कहना है कि उन्होंने समस्या की शिकायत अफसरों तक की है, लेकिन अभिभावक कुछ और ही मन बना रहे हैं. एक अभिभावक सुनीता ने बताया कि पानी की परेशानी के चलते शौचालय के लिए भी बच्चों को स्कूल से घर भेज दिया जाता है, जिसके कारण हमारे बच्चों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यही नहीं, स्कूल की इस हालत से पैरेंट्स अब इतने परेशान है कि अब अपने बच्चों का नाम इस प्राथमिक विद्यालय से कटवाकर दूसरे स्कूल में लिखवाने का कदम उठाने की बात कह रहे हैं.
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