वाराणसी:-शहनाई की धुन के जादूगर शहनाई सम्राट भारत रत्न उत्साद बिस्मिल्लाह खां (Bismilaah Khan) की आज 106 वीं जयंती है.उनकी जयंती पर उनके घरवाले और गंगा का किनारा आज भी उन्हें याद करता है.वाराणसी (Varanasi) के फातमान स्थित उनके मकबरे पर उनके चाहने वालों की भीड़ रही.उनके फैन्स ने उनके मकबरे पर फूल चढ़ा कर फातिया पढ़ा.लेकिन उनके 106 वीं जयंती पर परिवार वालो के दर्द भी सामने छलक पड़ा.निधन के 16 साल बीत जाने के बाद भी न तो वाराणसी में उनके नाम से शहनाई एकेडमी बनी और न ही उस्ताद के नाम पर म्यूजियम बन सका.वादा तो ये भी था कि वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर शहनाई की धुन से इस सांस्कृतिक नगरी में लोगों का स्वागत होगा लेकिन अब भी स्टेशन पर उनके शहनाई की आवाज नहीं गूंज सकी.
मुश्किल में उस्ताद का परिवार
उनके जन्मदिन पर परिवारवालों ने उन्हें नम आंखों से याद किया.इस दौरान परिवार वालों का दर्द भी मीडिया के सामने छलक पड़ा.उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की पोती शहीन फातिमा ने बताया कि उनका परिवार इन दिनों बड़े मुश्किल से गुजर रहा है.घर में आर्थिक दिक्कतों के साथ ढेरों परेशानियां हैं.उनकी पोती ने मोदी और योगी सरकार से मदद की गुहार लगाने के साथ घर के सदस्यों को रोजगार देने की मांग की है.उन्होंने कहा कि जब उनके दादा जिंदा थे तो उनके घरों पर वीआईपी की कतार लगी होती थी लेकिन उनके निधन के बाद कोई भी परिवार वालों का सुध लेने नहीं आता.
रिपोर्ट-अभिषेक जायसवाल-वाराणसी
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