Varanasi: BHU नहीं खुलने से छात्रों का गुस्सा भड़का, सिंह द्वार बंद कर शुरू किया धरना-प्रदर्शन

वाराणसी: बीएचयू के मुख्यद्वार पर छात्रों ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है.
Varanasi News: वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में प्रबंधन के खिलाफ छात्रों का गुस्सा भड़क गया है. दरअसल 22 फरवरी को यूनिवर्सिटी खुलनी थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अब विरोध में छात्रों ने बीएचयू का मुख्य गेट (सिंह द्वार) बंद कर धरना शुरू कर दिया है.
- News18 Uttar Pradesh
- Last Updated: February 23, 2021, 1:50 PM IST
वाराणसी. उत्तर प्रदेश के वाराणसी (Varanasi) में काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) एक फिर सुर्खियों में हैं. इस बार विश्वविद्यालय को खोलने का मुद्दा गरमाया है. 22 फरवरी को विश्विद्यालय खुलने वाले थे लेकिन ऐसा ना होने पर छात्र बीएचयू का सिंह द्वार बंद कर धरने पर बैठ गए हैं. धरने का आज दूसरा दिन रहा लेकिन छात्र विश्वविद्यालय के खुलने के मांग को लेकर डटे हुए हैं. छात्रों का कहना है कि हॉस्टल की प्रक्रिया लेट होने के चलते पूरी यूनिवर्सिटी को बंद रखना सही नहीं है. इससे छात्रों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है.
दर्जनों की संख्या में छात्र बीते सोमवार को बीएचयू के सिंहद्वार पहुंचे और सिंहद्वार यानी बीएचयू का मुख्य द्वार बंद कर नारेबाजी करने लगे. सिंहद्वार बंद होते ही बीएचयू प्रशासन में हड़कम्प मच गया. प्रोक्टोरियल बोर्ड समेत मौके पर कई प्रोफेसर पहुंचकर छात्रों को समझाने की कोशिश करते रहे लेकिन छात्र अपने मांग अड़े रहे और धरने पर बैठ गए. बीएचयू के छात्र आशुतोष और शिवम का कहना है कि जब तक हमारी मांग नहीं मानी जाएगी, धरना जारी रहेगा.
इसलिए छात्र कर रहे विरोध
छात्रों के धरने के आज दूसरा दिन है. सिंह द्वार अभी भी बन्द है. धरने पर बैठे बीएचयू के छात्र आशुतोष ने बताया कि 22 फरवरी को विश्वविद्यालय खुलने वाला था लेकिन नहीं खुला. उनका कहा है कि हॉस्टल देने के प्रक्रिया के बारे में निष्कर्ष निकाला जा रहा इसलिए अब तक विश्वविद्यालय नहीं खोला जा रहा है. छात्रों का आरोप है कि वैसे भी बीएचयू में सिर्फ 18 प्रतिशत छात्र ही रहते हैं. ऐसे में इस बहाने के कारण विश्वविद्यालय न खोला जाना छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ है.
दर्जनों की संख्या में छात्र बीते सोमवार को बीएचयू के सिंहद्वार पहुंचे और सिंहद्वार यानी बीएचयू का मुख्य द्वार बंद कर नारेबाजी करने लगे. सिंहद्वार बंद होते ही बीएचयू प्रशासन में हड़कम्प मच गया. प्रोक्टोरियल बोर्ड समेत मौके पर कई प्रोफेसर पहुंचकर छात्रों को समझाने की कोशिश करते रहे लेकिन छात्र अपने मांग अड़े रहे और धरने पर बैठ गए. बीएचयू के छात्र आशुतोष और शिवम का कहना है कि जब तक हमारी मांग नहीं मानी जाएगी, धरना जारी रहेगा.
इसलिए छात्र कर रहे विरोध
छात्रों के धरने के आज दूसरा दिन है. सिंह द्वार अभी भी बन्द है. धरने पर बैठे बीएचयू के छात्र आशुतोष ने बताया कि 22 फरवरी को विश्वविद्यालय खुलने वाला था लेकिन नहीं खुला. उनका कहा है कि हॉस्टल देने के प्रक्रिया के बारे में निष्कर्ष निकाला जा रहा इसलिए अब तक विश्वविद्यालय नहीं खोला जा रहा है. छात्रों का आरोप है कि वैसे भी बीएचयू में सिर्फ 18 प्रतिशत छात्र ही रहते हैं. ऐसे में इस बहाने के कारण विश्वविद्यालय न खोला जाना छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ है.