होम स्टे योजना के जरिये लोगों को घर बैठे रोजगार देगी योगी सरकार, ये है प्लान

योगी सरकार जल्द ही प्रदेश में वन विभाग की होम स्टे योजना को विस्तार देने जा रही है
दुधवा (Dudhwa) वन क्षेत्र से लगे लखीमपुर, बहराइच, पीलीभीत, महराजगंज, बरेली के साथ ही बुंदेलखण्ड और पूर्वांचल के इलाकों में योजना के विस्तार की सबसे ज्यादा संभावना जताई जा रही है. प्रधान अपर मुख्य वन संरक्षक ईवा शर्मा ने बताया कि वन निगम होम स्टे योजना को विस्तार दे रहा है.
- News18Hindi
- Last Updated: November 25, 2020, 11:42 PM IST
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) प्रदेश की अर्थव्यवस्था (Economy) मजबूत करने के लिए लगातार नए प्रयोग कर रही है. इसी क्रम में सरकार ने लोगों घर बैठे रोजगार उपलब्ध कराने की योजना पर काम शुरू कर दिया है. सरकार वन विभाग (UP Forest Department) की होम स्टे योजना (Home Stay Scheme ) को प्रदेश भर में विस्तार देने में जुट गई है. वन विभाग ने इसका खाका तैयार कर लिया है. इसके तहत लखीमपुर और बहराइच के छोटे दायरे में सीमित होम स्टे योजना का प्रदेश के कई जिलों में विस्तार किया जाएगा.
ठहरने और खाने-पीने की पूरी सुविधा
योजना के तहत वन विभाग पर्यटकों को राज्य के अलग-अलग स्थानों पर ठहरने और खाने पीने की सुविधा उपलब्ध करायेगा. होम स्टे योजना के तहत वन विभाग ऐसे लोगों को जोड़ेगा जो पर्यटकों को ठहरने और खान-पान की सुविधा उपलब्ध करा सकें. इसके बदले स्थानीय लोगों को पर्यटकों से किराये के रूप में एक निश्चित धनराशि के साथ खान-पान की कीमत भी मिलेगी. योजना के विस्तार के लिए वन विभाग ने अलग-अलग इलाकों में एजेंसी के जरिये सर्वे का काम शुरू कर दिया है. होम स्टे योजना से सबसे ज्यादा रोजगार जंगल से सटे इलाकों को होगा.
स्थानीय लोगों से मांगे जाएंगे आवेदन
योजना पर काम कर रहे अधिकारियों के मुताबिक होम स्टे योजना के विस्तार के तहत अलग-अलग इलाकों में स्थानीय लोगों से आवेदन मांगे जाएंगे. आवेदन करने वालों के व्यवहार, शिक्षा, सुरक्षा और स्वच्छता की पूरी पड़ताल के बाद योजना में पंजीकृत किया जाएगा. पंजीकृत लोगों के घर देशी और विदेशी पर्यटक ठहर सकेंगे. पंजीकृत लोगों का वन विभाग अलग-अलग संस्थाओं के माध्यम से पर्यटकों की सुविधा और सुरक्षा से संबंधित मुफ्त प्रशिक्षण भी देगा.

होम स्टे योजना में पंजीकृत लोग पर्यटकों को आस-पास घुमाने में गाइड की भूमिका भी निभा सकेंगे, जिसके लिए वे पर्यटकों के साथ आपसी सहमति से आय अर्जित कर सकते हैं. होम स्टे योजना में मकान स्वामी के साथ ही केयर टेकर, बावर्ची, सफाईकर्मी और सिक्योरिटी की नौकरी लोगों को मिल सकेगी.
इन जिलों में सबसे ज्यादा देखी गई गुंजाइश
दुधवा वन क्षेत्र से लगे लखीमपुर, बहराइच, पीलीभीत, महराजगंज, बरेली के साथ ही बुंदेलखण्ड और पूर्वांचल के इलाकों में योजना के विस्तार की सबसे ज्यादा संभावना जताई जा रही है. प्रधान अपर मुख्य वन संरक्षक ईवा शर्मा ने बताया कि वन निगम होम स्टे योजना को विस्तार दे रहा है. इसके लिए हर स्तर पर काम हो रहा है. हमारा लक्ष्य मुख्यमंत्री योगी की मंशा के अनुरूप उत्तर प्रदेश की ओर लगातार आकर्षित हो रहे पर्यटकों को ठहरने और खाने पीने की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ना भी है. बुंदेलखंड, पूर्वांचल समेत प्रदेश के कई इलाकों में होम स्टे योजना के विस्तार की काफी संभावनाएं दिख रही हैं. इस दिशा में हम काम कर रहे हैं. बहुत जल्द इसका असर दिखाई देगा.

बता दें पर्यटकों की संख्या के लिहाज 2019 में देशी सैलानियों के मामले में यूपी देश का नंबर एक राज्य रहा है. विदेशी पर्यटकों के मामले में भी जबरदस्त बढ़ोत्तरी हुई. सरकार की योजना पर्यटन की बढ़ती रफ्तार को रोजगार से जोड़कर विकास को गति देने की है.
ठहरने और खाने-पीने की पूरी सुविधा
योजना के तहत वन विभाग पर्यटकों को राज्य के अलग-अलग स्थानों पर ठहरने और खाने पीने की सुविधा उपलब्ध करायेगा. होम स्टे योजना के तहत वन विभाग ऐसे लोगों को जोड़ेगा जो पर्यटकों को ठहरने और खान-पान की सुविधा उपलब्ध करा सकें. इसके बदले स्थानीय लोगों को पर्यटकों से किराये के रूप में एक निश्चित धनराशि के साथ खान-पान की कीमत भी मिलेगी. योजना के विस्तार के लिए वन विभाग ने अलग-अलग इलाकों में एजेंसी के जरिये सर्वे का काम शुरू कर दिया है. होम स्टे योजना से सबसे ज्यादा रोजगार जंगल से सटे इलाकों को होगा.
स्थानीय लोगों से मांगे जाएंगे आवेदन
योजना पर काम कर रहे अधिकारियों के मुताबिक होम स्टे योजना के विस्तार के तहत अलग-अलग इलाकों में स्थानीय लोगों से आवेदन मांगे जाएंगे. आवेदन करने वालों के व्यवहार, शिक्षा, सुरक्षा और स्वच्छता की पूरी पड़ताल के बाद योजना में पंजीकृत किया जाएगा. पंजीकृत लोगों के घर देशी और विदेशी पर्यटक ठहर सकेंगे. पंजीकृत लोगों का वन विभाग अलग-अलग संस्थाओं के माध्यम से पर्यटकों की सुविधा और सुरक्षा से संबंधित मुफ्त प्रशिक्षण भी देगा.

योगी सरकार जल्द ही प्रदेश में वन विभाग की होम स्टे योजना को विस्तार देने जा रही है
होम स्टे योजना में पंजीकृत लोग पर्यटकों को आस-पास घुमाने में गाइड की भूमिका भी निभा सकेंगे, जिसके लिए वे पर्यटकों के साथ आपसी सहमति से आय अर्जित कर सकते हैं. होम स्टे योजना में मकान स्वामी के साथ ही केयर टेकर, बावर्ची, सफाईकर्मी और सिक्योरिटी की नौकरी लोगों को मिल सकेगी.
इन जिलों में सबसे ज्यादा देखी गई गुंजाइश
दुधवा वन क्षेत्र से लगे लखीमपुर, बहराइच, पीलीभीत, महराजगंज, बरेली के साथ ही बुंदेलखण्ड और पूर्वांचल के इलाकों में योजना के विस्तार की सबसे ज्यादा संभावना जताई जा रही है. प्रधान अपर मुख्य वन संरक्षक ईवा शर्मा ने बताया कि वन निगम होम स्टे योजना को विस्तार दे रहा है. इसके लिए हर स्तर पर काम हो रहा है. हमारा लक्ष्य मुख्यमंत्री योगी की मंशा के अनुरूप उत्तर प्रदेश की ओर लगातार आकर्षित हो रहे पर्यटकों को ठहरने और खाने पीने की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ना भी है. बुंदेलखंड, पूर्वांचल समेत प्रदेश के कई इलाकों में होम स्टे योजना के विस्तार की काफी संभावनाएं दिख रही हैं. इस दिशा में हम काम कर रहे हैं. बहुत जल्द इसका असर दिखाई देगा.

हाेम स्टे योजना के दौरान पर्यटकों की सुविधा का खास ख्याल रखा जाएगा.
बता दें पर्यटकों की संख्या के लिहाज 2019 में देशी सैलानियों के मामले में यूपी देश का नंबर एक राज्य रहा है. विदेशी पर्यटकों के मामले में भी जबरदस्त बढ़ोत्तरी हुई. सरकार की योजना पर्यटन की बढ़ती रफ्तार को रोजगार से जोड़कर विकास को गति देने की है.