ओम प्रयास
हरिद्वार. देवों की भूमि उत्तराखंड में धर्म नगरी हरिद्वार एक तीर्थ स्थल है, जहां पर देश-विदेश से रोजाना हजारों श्रद्धालु मोक्ष पाने की कामना को लेकर गंगा में डुबकी लगाने और घूमने आते हैं. तीज-त्योहारों पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु मोक्ष पाने की लालसा को लेकर हरिद्वार आते हैं. हर की पौड़ी के पास बहुत से गंगा घाट हैं, जो श्रद्धालुओं से लबालब भरे रहते हैं. वहीं हरिद्वार में बहुत से भिखारी भी हैं, जिनकी संख्या दिनो-दिन बढ़ती ही जा रही है. तीज-त्योहारों पर जैसे हरिद्वार में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती है, वैसे ही हर की पौड़ी पर भिखारियों की संख्या भी बढ़ जाती है. ये लोग श्रद्धालुओं को परेशान करते हैं.
धार्मिक स्थल हरिद्वार हिंदुओं की आस्था का केंद्र है, जहां पर हिंदू धर्म से जुड़े लोग धर्म-कर्म करने के लिए आते हैं. हरिद्वार में विशेषकर तीज-त्योहारों पर होने वाले गंगा स्नान में लाखों की संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार आते हैं और आस्था की डुबकी लगाते हैं. वहीं जैसे ही हरिद्वार में श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा होता है वैसे ही यहां पर भिखारियों की संख्या भी बढ़ जाती है. हर की पौड़ी के सभी गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं के साथ-साथ भिखारी भी आसानी से यहां देखने को मिल जाते हैं. हर की पौड़ी पर जगह जगह भिखारी बैठे रहते हैं और आने-जाने वाले श्रद्धालुओं से भीख मांगते हैं.
इन भिखारियों में कई ऐसे लोग भी हैं, जो अपाहिज होते हैं, जिन पर दया कर श्रद्धालु इन्हें कुछ पैसे या खाने के लिए रोटी दे देते हैं लेकिन वहीं हरिद्वार में कुछ भिखारी ऐसे भी देखने को मिल जाते हैं, जो श्रद्धालुओं से भीख मांगने के लिए उनके पीछे लग जाते हैं. कई मामले तो ऐसे आ चुके हैं, जिनमें भिखारियों द्वारा भीख मांगने के लिए श्रद्धालुओं के कपड़े बैग आदि तक खींच लिए जाते हैं, जिसमें श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. हरिद्वार में हर उम्र के भिखारी हैं. बच्चों से लेकर बड़े और बड़ों से लेकर वृद्ध अवस्था के भिखारी यहां हर घाट के पास बैठे रहते हैं.
धर्म स्थली हरिद्वार में लोग देश-विदेश यहां आस्था की डुबकी लगाने आते हैं और यहां की फोटो अपने मोबाइल और कैमरे में कैद कर लेते हैं. हरिद्वार में बाहर से आने वाले लोगो के मन में ये सब देखकर एक अलग ही तस्वीर बन जाती है.
इस बात को लेकर जब पुलिस क्षेत्राधिकारी नगर मनोज कुमार ठाकुर से बात की गई, तो उन्होंने बताया की हर की पौड़ी और हरिद्वार क्षेत्र में भिखारियों का सत्यापन किया जाता है और समय-समय पर भिखारियों के खिलाफ बेगर एक्ट में मुकदमा दर्ज कर उन्हें बेगर हाउस भेजा जाता है. जहां से वे जल्द ही छूट जाते हैं. वे बताते हैं कि पुलिस द्वारा समय समय पर भिखारियों पर कार्रवाई की जाती है.
गौरतलब है कि पुलिस द्वारा भिखारियों पर कार्रवाई करने के बाद भी वे हर की पौड़ी पर एक बड़ी संख्या में रहते हैं. तीर्थस्थली हरिद्वार में हजारों लाखों लोग गंगा स्नान करने आते हैं. हरिद्वार हर की पौड़ी और आसपास बड़ी संख्या में भिखारी मौजूद रहते हैं. बाहर से हरिद्वार आने वाले लोगों के मन में हरिद्वार को लेकर एक अच्छी छवि बनी होती है लेकिन यहां जगह-जगह भिखारियों की संख्या देखकर वह भी सोचने पर मजबूर हो जाते हैं.
हर की पौड़ी के पास हर उम्र के भिखारी यहां पर मौजूद रहते हैं. कोई अपनी लाचारी दिखाकर श्रद्धालुओं के सामने हाथ फैलाता है, तो वहीं कुछ महिला भिखारी छोटे बच्चे गोद में लेकर भीख मांगती नजर आती हैं. हर की पौड़ी और आसपास छोटे-छोटे बच्चे भी भीख मांगते हुए नजर आते हैं.
दम तोड़ता ऑपरेशन मुक्ति अभियान?
साल 2019 में पुलिस द्वारा ऑपरेशन मुक्ति अभियान चलाया गया था, जिसका पुलिस ने जोरशोर से प्रचार भी किया था. ऑपरेशन मुक्ति में ‘भिक्षावृत्ति नहीं शिक्षा’ का स्लोगन दिया गया था, जिसमें हरिद्वार की अलग-अलग जगहों से भीख मांगने वाले बच्चों को रेस्क्यू कर उन्हें स्कूल भेजने का पुलिस ने दावा किया था. वहीं हरिद्वार में जब छोटे-छोटे बच्चे भीख मांगते नजर आते हैं, तो हरिद्वार में ऑपरेशन मुक्ति अभियान दम तोड़ता नजर आता है और हरिद्वार में ऑपरेशन मुक्ति अभियान की कमान संभालने वाले पुलिसकर्मी केवल खाना पूर्ति करते नजर आते हैं.
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Tags: Haridwar, Uttrakhand
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