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लाखों में बिकेगी नौकरी तो हम कैसे खरीद पाएंगे? नौकरी की मांग कर रहे युवाओं का छलका दर्द

Dehradun News: सालों से दिन रात एक कर मेहनत करने वाले युवा भ्रष्टाचार और धांधलियों की भेंट चढ़ते अपने और अपने परिवार के ...अधिक पढ़ें

    हिना आज़मी
    देहरादून. 
    देवभूमि उत्तराखंड में कई सम्भावनाओं के बावजूद युवा रोजगार से वंचित हैं. शहरों की ओर रोजगार की तलाश में युवा अपना घर-बार गांव छोड़ कर पलायन करते हैं, जिससे गांव भी खंडर में तब्दील हो गए हैं. मैदान के युवाओं या खतरनाक पहाड़ी इलाके के युवा सरकारी नौकरी का सपना लिए राजधानी देहरादून आते हैं. मां-बाप जैसे तैसे करके बच्चे की कोचिंग के लिए पैसे जुटाते हैं. घर परिवार से दूर रहकर युवा तैयारी करते हैं, यह सपना लेकर कि आने वाला भविष्य उज्जवल हो लेकिन भर्तियों में हो रही धांधलियों से इन युवाओं के अरमान चूर-चूर हो रहे हैं.

    प्रदेश भर के युवा गुरुवार को सरकार से जेई, एई और पटवारी सहित लोक सेवा आयोग की सभी भर्तियों में धांधली की सीबीआई जांच और नकल विरोधी कानून बनाने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे. देहरादून के गांधी पार्क पर देवभूमि उत्तराखंड के सरकारी तैयारी करने वाले छात्र-छात्राओं का हुजूम उमड़ पड़ा. सालों से दिन रात एक कर मेहनत करने वाले युवा भ्रष्टाचार और धांधलियों की भेंट चढ़ते अपने और अपने परिवार के सपनों को टूटता देख परेशान और आक्रोश में नजर आए.

    देहरादून की त्यूणी क्षेत्र से प्रदर्शन में शामिल हुई रविता चौहान ने बताया कि हमारे मां-बाप खेती करते हैं और हमें देहरादून सरकारी नौकरी की तैयारी करने के लिए कोचिंग करने के लिए भेजते हैं लेकिन यहां भर्तियों में धांधली हो जाती है. अगर सरकार को ऐसे ही परीक्षाएं करानी हैं, तो इन परीक्षाओं का क्या फायदा? उन्होंने कहा कि हम बस यही मांग कर रहे हैं कि पहले सीबीआई जांच हो और उसके बाद ही कोई भर्ती परीक्षा हो.

    वहीं चकराता से आई पूनम जोशी का कहना है कि हम लड़कियां घर से दूर रहकर नौकरी के लिए कोचिंग कर रही हैं. माता-पिता काम नहीं कर सकते हैं लेकिन जैसे तैसे करके हमें पढ़ाने के लिए भेजा है. हम भी दिन रात मेहनत कर रहे हैं लेकिन हमारी मेहनत के बदले हमें सड़कों पर उतरना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि ऐसे तो सरकार ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का नारा देती है लेकिन उत्तराखंड की बेटी और बेटों के भविष्य के साथ ऐसे खेल रही है.

    उत्तरकाशी से आए सचिन ने बताया कि उनकी तरह लाखों की संख्या में बेरोजगार युवा यहां सड़कों पर प्रदर्शन करने पर मजबूर हैं. अगर नौकरियों को लाखों रुपयों में बेचा जाएगा, तो हम जैसे गरीब इन नौकरियों को कैसे खरीद पाएंगे?

    Tags: Dehradun news, Uttrakhand

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