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अल्मोड़ा जेल के कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने की ट्रेनिंग, सीख रहे मशरूम उत्पादन के गुर

अल्मोड़ा जेल में पहली बार कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पहल की जा रही है. जेल अधीक्षक जयंत पांगती ने बताया कि जेल ...अधिक पढ़ें

    रोहित भट्ट

    अल्मोड़ा. उत्तराखंड के अल्मोड़ा की जेल की गिनती देश की ऐतिहासिक जेलों में की जाती है. देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के साथ-साथ कई दिग्गज स्वतंत्रता सेनानियों को इस जेल में कैद कर के रखा गया था. अल्मोड़ा जेल में अब कैदियों को मशरूम उत्पादन के गुर सिखाए जा रहे हैं. यहां सजा काट रहे कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम उठाते हुए जेल प्रशासन की तरफ से लगभग 30 कैदियों को मशरूम उत्पादन की ट्रेनिंग दिलाई जा रही है.

    अल्मोड़ा जेल में पहली बार कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पहल की जा रही है. जेल अधीक्षक जयंत पांगती ने बताया कि जेल में मशरूम के 128 बैग लगाए गए हैं जिसमें कैदियों को मशरूम उत्पादन की ट्रेनिंग के साथ उसे उगाने के बारे में बताया जा रहा है.

    उन्होंने आगे बताया कि यह प्रशिक्षण पूरी तरह से व्यवहारिक ट्रेनिंग है. इसमें बंदी मशरूम की उगाई से लेकर उसके आने तक पूरी ट्रेनिंग दी जा रही है. इसके बाद इस मशरूम को पैक कर के बाजार में बेचने की प्रक्रिया की जाएगी. जेल में ट्रेनिंग कराने का मकसद यह है कि जो कैदी बंद हैं, उन्हें स्वरोजगार से जोड़ा जाए. इसके अलावा, यह पहल उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में भी कारगर सिद्ध होगी. मशरूम की ट्रेनिंग देने पहुंची प्रीति भंडारी कैदियों को इसके गुर सिखा रही हैं.

    प्रीति भंडारी ने बताया कि जेल में कैदियों को मशरूम उत्पादन के बारे में बारीकी से सिखाया जा रहा है ताकि बाहर निकलने के बाद वो स्वरोजगार से जुड़ सकें. संस्था द्वारा निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिसमें जेल में लगभग 128 मशरूम के बैग लगाए गए हैं. कैदी कुछ नया सीखें, इसके लिए उन्हें मशरूम उत्पादन की ट्रेनिंग दी जा रही है.

    Tags: Almora News, Prisoners, Special training, Uttarakhand news

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