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Ram Navami 2023: उत्तराखंड के इस मंदिर में रखी हैं भगवान राम की चरण पादुका! मर्यादा पुरुषोत्तम पूरी करते हैं हर इच्छा

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रामशिला

रामशिला मंदिर की स्थापना 1588 में हुई थी.

Uttarakhand Ram Mandir: अल्मोड़ा के मल्ला महल में रामशिला मंदिर स्थापित है. बताया जाता है कि यह मंदिर 400 साल से भी ज्य ...अधिक पढ़ें

रोहित भट्ट
अल्मोड़ा.
उत्तराखंड की सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में आपको कई ऐसे ऐतिहासिक मंदिर और कई प्राचीन धरोहरें देखने को मिलेंगी, जिनका अपना प्राचीन इतिहास रहा है. हम आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने वाले हैं, जहां भगवान राम के शिला रूपी चरण देखने को मिलते हैं. अल्मोड़ा के मल्ला महल में रामशिला मंदिर स्थापित है. बताया जाता है कि यह मंदिर 400 साल से भी ज्यादा पुराना है. इस मंदिर में रामनवमी (Ram Navami 2023) के दिन काफी संख्या में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. सुबह से ही भक्तों की काफी संख्या में यहां पर भीड़ रहती है और यहां पर लोग पूजा अर्चना करते हैं. मंदिर में श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर पहुंचते हैं और सच्चे मन से मांगी गई हर इच्छा यहां पूरी होती है.

आखिर इस मंदिर को कैसे स्थापित किया गया?
दरअसल अल्मोड़ा के मल्ला महल में राजा रुद्रचन्द ने 1588 में रामशिला मंदिर की स्थापना की थी. राजा ने राजमहल के पास ही भगवान राम के चरणों को स्थापित किया, ताकि भगवान राम के चरणों की श्रद्धालु पूजा-अर्चना कर सकें.

क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी चंद्र सिंह चौहान ने बताया कि यह मंदिर 400 साल से भी ज्यादा पुराना है और पुरातत्व के नजरिए से यह काफी महत्वपूर्ण भी है. इस मंदिर का निर्माण राजा रुद्रचन्द ने 1588 में कराया था. मंदिर में भगवान रामचंद्र की चरण पादुका भी देखने को मिलती हैं. मंदिर में माता और भैरव भी विराजमान हैं. इस मंदिर में काफी संख्या में श्रद्धालु यहां पूजा अर्चना करने के लिए आते हैं और रामनवमी के दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां पूजा अर्चना करते हैं.

पुजारी प्रमोद पाठक ने बताया कि रामनवमी पर यहां सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहता है. काफी संख्या में लोग पूजा-अर्चना करने के लिए आते हैं. भगवान राम की शिला रूपी चरण पादुकाओं की श्रद्धालु पूजा अर्चना करते हैं. इसके अलावा लोग अपनी मनोकामना भी लेकर यहां पर आते हैं. जिसकी मनोकामना पूरी जाती है, तो यहां दोबारा से आकर भगवान के दरबार में पूजा अर्चना करते हैं और श्रद्धा अनुसार प्रसाद आदि चढ़ाते हैं.

श्रद्धालु भगवती बिष्ट ने बताया कि वह पिछले कई सालों से रामशिला मंदिर में आ रही हैं. यहां पर राम जी की चरण पादुका की पूजा-अर्चना की जाती है. उन्होंने बताया कि इस मंदिर में काफी दूर-दूर से श्रद्धालु पूजा अर्चना करने के लिए आते हैं. यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मन्नत पूरी होती है.

(NOTE: इस खबर में दी गई सभी जानकारियां और तथ्य मान्यताओं के आधार पर हैं. NEWS18 LOCAL किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं करता है.)

Tags: Almora News, Lord rama, Uttrakhand

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