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Uttarakhand News: इस जिले में खड़िया खनन में जुटे हजारों विदेशी मजदूरों का नहीं है कोई रिकॉर्ड, क्षेत्र में बढ़ रहा है अपराध

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बागेश्वर

बागेश्वर जिले में खड़िया खनन होता है.

बागेश्वर में खड़िया खनन के इस क्षेत्र में हजारों की तादाद में नेपाली मूल के मजदूर भी काम कर रहे हैं, लेकिन हैरानी की बात ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट : सुष्मिता थापा

बागेश्वर. उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा के लिहाज से बागेश्वर बेहद संवेदनशील जिला है. बीते कुछ सालों में यहां भूस्खलन और ग्लेशियर खिसकने की घटनाएं बढ़ी हैं लेकिन इनसे सबक लेने की बजाय सरकारी खजाना भरने के लिए प्रकृति का अंधाधुंध दोहन किया जा रहा है. दरअसल बागेश्वर जिले में कुदरत ने खड़िया के रूप में खनिज संपदा का अकूत भंडार दिया है. बागेश्वर से प्रतिवर्ष हजारों टन खड़िया खोदकर मैदानी जिलों में पहुंचाई जाती है.

खड़िया खनन के इस क्षेत्र में हजारों की तादाद में नेपाली मूल के मजदूर भी काम कर रहे हैं, लेकिन हैरानी की बात है कि इनका लेखा-जोखा न खनन विभाग के पास है और न ही श्रम विभाग के पास है . गरीबी और मजबूरी की मार झेल रहे इन मजदूरों के साथ कोई हादसा होने पर पूरा मामला रफा-दफा हो जाता है.नेपाल से आए मजदूर राजू ने कहा कि वह खनन के समय यहां आ जाते हैं. नेपाल में काम नहीं मिलता है. मिलता है, तो इतने पैसे नहीं मिलते हैं. यहां मेहनत-मजदूरी कर वह अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं.

प्रशासन के पास नहीं है मजदूरों का आंकड़ा
बागेश्वर जिले में 1972 से खड़िया खनन हो रहा है. आज यहां खड़िया माइंस की संख्या 136 पहुंच गई है, जिसमें 99 प्रतिशत नेपाली मजदूर काम कर रहे हैं. जिला प्रशासन के पास पूरे जिले में कितने मजदूर काम कर रहे हैं, इसकी कोई जानकारी ही नहीं है. बस प्रशासन जल्द आंकड़े चुस्त-दुरुस्त करने की बात कर रहा है.

प्रवासी मजदूरों के कारण आपराधिक घटनाओं में हुई वृद्धि
खनन क्षेत्रों में काम कर रहे इन विदेशी मूल के मजदूरों का लेखा-जोखा नहीं होने से एक ओर इन मजदूरों की सुरक्षा खतरे में पड़ रही है, तो वहीं जिले में आपराधिक घटनाओं में बढ़ोतरी भी हो रही है. स्थानीय निवासी कमल ने कहा कि बाहर से आने वाले मजदूरों का सारा रिकॉर्ड प्रशासन के पास होना चाहिए ताकि क्षेत्र में आपराधिक घटनाएं न हों. ऐसा करने से क्षेत्रवासियों के मन से भय का माहौल खत्म होगा.बागेश्वर की जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने इस बारे में कहा कि संबंधित विभाग व पुलिस के पास बाहर से आने वाले सभी मजदूरों का डेटा होना चाहिए. जल्द इसे सुनिश्चित किया जाएगा.

Tags: Bageshwar News, Uttarakhand news

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