सुष्मिता थापा
बागेश्वर. उत्तराखंड में कोविड के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए गाइडलाइन्स रिवाइज़ की गईं और राजनीतिक रैलियों पर 16 जनवरी तक के लिए फ़िलहाल प्रतिबंध लगाया गया, वैसे ही पार्टियों की ऑनलाइन सक्रियता बढ़ती हुई देखी जा रही है. कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के प्रसार के खतरे को देखते हुए सभी प्रमुख पार्टियां अपने सोशल मीडिया पर एकाएक एक्टिव नज़र आ रही हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर धामी हों या कांग्रेस कैंपेन इंचार्ज हरीश रावत, सभी बड़े नेता सोशल मीडिया पर लगातार उपस्थिति बनाए हुए हैं. वहीं, अब स्थानीय स्तर पर पार्टियां ऐसा रुखा कर रही हैं. बागेश्वर में फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सएप जैसे प्लेटफॉर्मों पर सियासी पार्टियां सक्रिय हुई हैं.
आगामी विधानसभा चुनाव 2022 करीब हैं और वायरस संक्रमण के खतरे भी, तो उत्तराखंड में राजनीतिक पार्टियों ने लोकल लेवल तक सोशल मीडिया पर चुनाव प्रचार एक्टिव कर लिया है. बागेश्वर में आम आदमी पार्टी ने अपने कार्यालय में सोशल मीडिया के लिए एक वॉर रूम बनाया है, तो भाजपा भी इसकी तैयारी कर रही है. फ़िलहाल कांग्रेस इस दौड़ में थोड़ा पीछे चल रही है. इससे पहले जब राजनीतिक रैलियों पर प्रतिबंध की आशंकाएं उभरी थीं, तब बीजेपी, आप ने अपनी तैयारियों के बारे में दावे किए थे, लेकिन कांग्रेस ने इस विकल्प को देखने की ही बात कही थी.
क्या है लोकल के सोशल कैंपेन का गणित?
बागेश्वर बीजेपी के फेसबुक पेज के अकाउंट को अब तक 11,254 लोग फॉलो कर चुके हैं. वहीं, बागेश्वर आम आदमी पार्टी के एफबी पेज को 14,849 लोगों ने पसंद किया है. बागेश्वर कांग्रेस का फ़िलहाल कोई पेज नहीं बना है, लेकिन उनके नेता भी सोशल मीडिया में सक्रिय हैं. अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पॉलिटिकल पार्टियों के अलावा उनके नेताओं के अपने पेज हैं, जिन पर हज़ारों फॉलोवर हैं.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Assembly elections, Social media, Uttarakhand Assembly Election