बद्रीनाथ मास्टर प्लान के तहत निर्माण शुरू हो चुके हैं.
नितिन सेमवाल
जोशीमठ. बद्रीनाथ धाम में मास्टर प्लान का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है. केदारनाथ की तर्ज़ पर बद्रीनाथ धाम में भी मास्टर प्लान के तहत कई निर्माण कार्य होने हैं, जिसके पहले फेज़ में 5 काम मुख्य तौर पर किए जाने हैं. इन कामों के लिए 2 करोड़ 30 लाख रुपये के टेंडर मंज़ूर हो चुके हैं और अब पुराने भवनों को ध्वस्त किया जा रहा है. स्थिति अभी यह है कि 20 नवंबर को बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने हैं और उसके बाद मौसम का मिज़ाज बिगड़ सकता है इसलिए प्रशासन को ज़्यादा से ज़्यादा काम इसके पहले निपटाना है क्योंकि फिर काम की रफ्तार मौसम पर निर्भर हो जाएगी.
कौन से हैं 5 अहम काम?
मास्टर प्लान के पहले चरण के तहत इन प्रोजेक्टों पर काम शुरू हो चुका है :
1. अराइवल प्लाजा
2. लूप रोड
3. नदी घाट का सौंदर्यीकरण
4. शेष नेत्र झील का सौंदर्यीकरण
5. आधुनिक तकनीकयुक्त अस्पताल का निर्माण
फिलहाल बद्रीनाथ धाम में लगभग 22 भवनों का ध्वस्तीकरण किया जा रहा है, जिनमें नगर पंचायत, लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, जल निगम, गढ़वाल मंडल विकास निगम, जीएमओ आदि विभागों के भवन शामिल हैं.
क्या 20 नवंबर के बाद भी होगा काम?
जोशीमठ की उप जिला अधिकारी कुमकुम जोशी ने बताया कि पहले फेज़ के कार्यों को पूरा करने के लिए प्रशासन की टीमें मौके पर लगातार बनी हुई हैं. कड़ाके की ठंड के बाद भी बद्रीनाथ धाम में मास्टर प्लान के कार्य को किया जा रहा है. इन कार्यों को युद्ध स्तर पर पूरा करना प्रशासन के लिए चुनौती है क्योंकि 20 नवंबर को भगवान बद्री विशाल के कपाट बंद हो जाएंगे. अगर मौसम ठीक रहा तो शीतकाल में भी बद्रीनाथ धाम में पुनर्निर्माण के कार्य होंगे, जिसे लेकर प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ है.
अगले साल ग्रीष्मकाल में जब भगवान बद्री विशाल के कपाट खुलेंगे, तो भगवान बद्री विशाल में मास्टर प्लान के तहत किए गए कार्यों में और तेज़ी लाना प्रशासन की प्राथमिकता होगी. गौरतलब है कि यात्रियों की सुविधा के लिए केंद्र और राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजना के तौर पर मास्टर प्लान बनाया गया है. इस योजना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नजर बनाए हुए हैं.
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