Chamoli Disaster: सर्च ऑपरेशन में आज 12 शव बरामद, अब तक 50 की मौत, खुदाई का काम हुआ तेज

चमोली हादसे के बाद अब तक 50 शव बरामद किए गए हैं. (फोटो साभार-PTI)
Chamoli Disaster update: तपोवन टनल में 120 मीटर खुदाई के बाद 12 शव मिले हैं. प्रशासन का कहना है कि सर्च ऑपरेशन को और तेज किया जाएगा. इसी बीच मौसम विभाग का कहना है कि 14-16 फरवरी के बीच पूरे इलाके में मौसम खराब रहेगा.
- News18 Uttarakhand
- Last Updated: February 14, 2021, 6:25 PM IST
चमोली. उत्तराखंड के चमोली में पिछले दिनों ग्लेशियर फटने (Glacier Burst) से हुई भीषण तबाही के बाद सर्च एवं रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. इस बीच आज 12 शव निकाले गए. इसके साथ बरामद किए गए शवों की संख्या अब बढ़कर 50 हो गई है. चमोली (Chamoli) की डीएम स्वाति भदौरिया का कहना है कि टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन और तेज किया जाएगा. हालांकि मौसम विभाग के मुताबिक 14 से 16 फरवरी के बीच पूरे इलाके में मौसम खराब रहेगा. बारिश की संभावना है, ऐसे में रेस्क्यू टीम की परेशानी बढ़ सकती है.
जबकि उत्तरखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि तपोवन टनल में 7 फरवरी से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. रविवार को दो शव टनल से निकाले गए. उत्तराखंड पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवान रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं. एनडीआरएफ (NDRF) अब कैमरे के जरिये टनल के भीतर लोगों को तलाश करने की कोशिश करेगा.
ऋषिगंगा अपर स्ट्रीम झील से फिलहाल कोई खतरा नहींडीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि आपदा के बाद ऋषि गंगा की अपर स्ट्रीम में बनी झील से फिलहाल कोई भी खतरा नहीं है. इस झील से पानी का लगातार रिसाव हो रहा है. इस झील के सामने आने से खतरे की आशंका जताई गई थी. एसडीआरएफ (SDRF) और एनडीआरएफ की टीम ने इसकी जांच की. टीम ने झील की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर झील का स्थलीय निरीक्षण कर आलाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी है.
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झील के किनारे लगेगा वार्निंग ऑटोमेटिक अलार्म सिस्टम
डीजीपी ने झील के किनारे वार्निंग ऑटोमेटिक अलार्म सिस्टम भी लगाने की बात कही है. ये सिस्टम तब यूज में आएगा जब झील से कोई बड़ा खतरा बन रहा हो तो सिस्टम ऑटोमेटिक अलार्म देकर लोगों को अलर्ट करेगा. ये सिस्टम पेंग गावं, रैणी और तपोवन में लगाया जाएगा. डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि जब तक अलार्म सिस्टम नहीं लगता है तब तक एसडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है, जो अलार्मिंग सिस्टम का काम करेंगीं. टीम तीनों गांव में रहेगी.

गौरतलब है कि उत्तराखंड के चमोली में बीते रविवार (7 फरवरी) को ऋषि गंगा नदी (Rishi Ganga River) में ग्लेशियर फटने से भीषण तबाही आई. बाढ़ से कई गांवों में तबाही मच गई. इसके बाद से आपदा में फंसे सैकड़ों लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू दिन-रात ऑपरेशन चल रहा है.
जबकि उत्तरखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि तपोवन टनल में 7 फरवरी से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. रविवार को दो शव टनल से निकाले गए. उत्तराखंड पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवान रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं. एनडीआरएफ (NDRF) अब कैमरे के जरिये टनल के भीतर लोगों को तलाश करने की कोशिश करेगा.
ऋषिगंगा अपर स्ट्रीम झील से फिलहाल कोई खतरा नहींडीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि आपदा के बाद ऋषि गंगा की अपर स्ट्रीम में बनी झील से फिलहाल कोई भी खतरा नहीं है. इस झील से पानी का लगातार रिसाव हो रहा है. इस झील के सामने आने से खतरे की आशंका जताई गई थी. एसडीआरएफ (SDRF) और एनडीआरएफ की टीम ने इसकी जांच की. टीम ने झील की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर झील का स्थलीय निरीक्षण कर आलाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी है.
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झील के किनारे लगेगा वार्निंग ऑटोमेटिक अलार्म सिस्टम
डीजीपी ने झील के किनारे वार्निंग ऑटोमेटिक अलार्म सिस्टम भी लगाने की बात कही है. ये सिस्टम तब यूज में आएगा जब झील से कोई बड़ा खतरा बन रहा हो तो सिस्टम ऑटोमेटिक अलार्म देकर लोगों को अलर्ट करेगा. ये सिस्टम पेंग गावं, रैणी और तपोवन में लगाया जाएगा. डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि जब तक अलार्म सिस्टम नहीं लगता है तब तक एसडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है, जो अलार्मिंग सिस्टम का काम करेंगीं. टीम तीनों गांव में रहेगी.
गौरतलब है कि उत्तराखंड के चमोली में बीते रविवार (7 फरवरी) को ऋषि गंगा नदी (Rishi Ganga River) में ग्लेशियर फटने से भीषण तबाही आई. बाढ़ से कई गांवों में तबाही मच गई. इसके बाद से आपदा में फंसे सैकड़ों लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू दिन-रात ऑपरेशन चल रहा है.