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चमोली में 13000 फीट की ऊंचाई पर है फूलों की घाटी, पुराणों में भी इसका जिक्र

चिनाप घाटी चमोली में है.

चिनाप घाटी चमोली में है.

Chamoli News: इस घाटी का वर्णन पुराणों में भी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यहां के फूलों की सुंदरता और खुशबू बद्री ...अधिक पढ़ें

सोनिया मिश्रा
चमोली. 
उत्तराखंड में कुदरत ने प्रकृति प्रेमियों के लिए अनेक दिलकश नजारे सौंपे हैं, जिसे निहारे बिना किसी को भी चैन कहां ही मिल पाता है. तो चलिए इस रिपोर्ट में प्रकृति की एक ऐसी ही नेमत, फूलों की सुंदर घाटी से आपको रूबरू करवाते हैं. यकीन मानिए आपको इसके बाद यहां से प्यार हो जाएगा. चमोली में विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी से तो सभी रूबरू हैं, लेकिन इसके इतर उत्तराखंड के इसी सीमांत जिले में फूलों की एक और घाटी स्थित है, जो जनपद की खूबसूरती में चार चांद लगा देती है.

जोशीमठ ब्लॉक के उर्गम घाटी, थैंग घाटी व खीरों घाटी में बर्फ से ढकी चोटियों में 13 हजार फीट की ऊंचाई पर चिनाप घाटी मौजूद है. यहां पर 300 से अधिक प्रजाति के फूल अपनी बेपनाह खूबसूरती और खुशबू बिखेरे हुए हैं. इस घाटी का वर्णन पुराणों में भी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यहां के फूलों की सुंदरता और खुशबू बद्री नारायण और गंधमादन पर्वत के फूलों की खुशबू के बराबर है. वैसे तो घाटी की सुंदरता 12 महीने बनी रहती है लेकिन खासतौर पर जुलाई से लेकर सितंबर के दौरान खिलने वाले असंख्य फूलों से इस घाटी की सुंदरता सभी को अपनी ओर खींचने का काम करती है.

चिनाप घाटी की सबसे बड़े विशेषता यह है कि यहां पर फूलों की सैकड़ों क्यारियां मौजूद हैं, जो लगभग पांच वर्ग किमी के दायरे में फैली है. हर क्यारी में 200 से लेकर 300 प्रजाति के फूल खिलते हैं. जिसे देखने से मानो ऐसा लगता है कि इन कतारनुमा फूलों की क्यारियों को कुदरत ने न जाने कितने प्यार से, बड़ी फुरसत में बनाया होगा.

वनस्पतियों और जड़ी बूटियों से लबालब है घाटी
चिनाप घाटी में कई दुर्लभ प्रजाति के फूल तो हैं ही, लेकिन इसके अलावा घाटी अनेक बहुमूल्य वनस्पतियां और जड़ी बूटियां भी अपने में समेटे हुए है. राज्य पुष्प ब्रह्मकमल की तो यहां सैकड़ों क्यारियां पाई जाती हैं. साथ ही घाटी से आंखों को सुकून देने वाले नजारे दिखाई देते हैं. प्रकृति प्रेमी और पेशे से वकील दिलबर फर्स्वाण कहते हैं कि चिनाप फूलों की घाटी को पर्यटन मानचित्र पर लाने के लिए ग्रामीण कई बार जनप्रतिनिधियों से लेकर जिले के आला अधिकारियों से मांग कर चुके हैं लेकिन नतीजा कुछ न रहा. यदि यह घाटी पर्यटन के रूप में विकसित की जाती है, तो आने वाले समय में पर्यटक सबसे ज्यादा यहां रुख करेंगे.

उन्होंने आगे कहा कि चिनाप फूलों की घाटी के साथ साथ यहां पर फुलारा बुग्याल, गणेश मंदिर, सोना शिखर जैसे दर्शनीय स्थलों का दीदार किया जा सकता है. जबकि हेलंग, उर्गम, चेनाप, खीरों होते हुए हनुमान चट्टी से पैदल ट्रेक किया जा सकता है और यह पर्वतारोहियों के लिए किसी रोमांच से कम नहीं है.

कैसे पहुंचे चिनाप घाटी?

बाय रोड. चिनाप घाटी पहुंचने के लिए जोशीमठ के थैंग गांव से होकर जाते हैं, जहां से आपको दो रूट मिलेंगे, जिसमें से एक की दूरी 8 किमी (ऊबड़ खाबड़ रास्ता) और दूसरा रूट 14 किमी है.

बाय ट्रेन. निकटतम ऋषिकेश रेलवे स्टेशन है. यहां से आपको सड़क मार्ग से होते हुए जाना पड़ेगा. आप रेलवे स्टेशन से टैक्सी बुक कर सकते हैं.

बाय एयर. देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट से गौचर हेलीपैड तक आप पहुंच सकते हैं. उसके बाद बाय रोड जा सकते हैं.

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