चमोली/उधमसिंह नगर. ज़िले के कई हिस्सों में भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात अक्सर बन जाते हैं इसलिए लोगों के बचाव और राहत कार्यों के लिए यहां 4 पक्के हेलीपैड बनाए जाने के निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिए हैं. हालांकि पंतनगर में एयरपोर्ट है, अब चार संवेदनशील क्षेत्रों में हेलीपैड बनाने की कवायद हो रही है. इधर, भौगोलिक नज़रिये से संवेदनशील माने जाने वाले हेमकुंड साहिब क्षेत्र में एक हेलीपैड बनाए जाने की सरकार की योजना और निर्माण का विरोध स्थानीय लोगों ने शुरू कर दिया है.
न्यूज़18 संवाददाता नितिन सेमवाल की रिपोर्ट के मुताबिक सिखों के प्रसिद्ध धाम हेमकुंड साहिब में रेस्क्यू हेलीपैड निर्माण कार्य को भ्यूंडार गांव के लोगों ने गलत ठहराते हुए सीएम धामी को ज्ञापन भेजा. जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति ने भी धामी को पत्र लिखकर हेमकुंड साहिब जैसे हाई अल्टिट्यूड वाले क्षेत्र में हेलीपैड निर्माण को रोकने की मांग की. नंदा देवी नेशनल पार्क के अंतर्गत आने वाले हेमकुंड साहिब क्षेत्र को पर्यावरण के लिहाज़ से बेहद संवेदनशील बताते हुए इस पत्र में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाला भी दिया गया है.
खत्म हो सकता है ब्रह्मकमल का अस्तित्व!
आपदा में यात्रियों की मदद के लिहाज़ से यहां बनाए जा रहे स्थाई हेलीपैड के निर्माण को लेकर मुख्यमंत्री को जो पत्र भेजा गया है, उसके मुताबिक हेमकुंड साहिब क्षेत्र हिमालय का अति संवेदनशील क्षेत्र है. यहां जड़ी, बूटियों, वनस्पतियों एवं जीव जंतु के प्राकृतिक आवास के साथ ही उत्तराखंड के राज्य पुष्प ब्रह्मकमल बड़ी मात्रा में खिलते हैं. इस तरह के निर्माण से उनका अस्तित्व खत्म हो सकता है. इस पत्र में लिखा गया है कि यहां हेलीपैड का निर्माण सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन भी होगा.
सर्वोच्च न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ के जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस अनिरुद्ध बोस के आदेशों का हवाला देते हुए पत्र में कहा गया है कि नेशनल पार्क क्षेत्र में किसी भी स्थाई निर्माण को पूर्णत: प्रतिबंधित किया जाए. इधर, यूएसनगर में चार पक्के हेलीपैडों को लेकर प्रशासन ने कवायद शुरू कर दी है.
कहां बनाए जाएंगे चार हेलीपैड?
बाढ़ और भारी जलभराव में फंसे लोगों तक राहत बचाव कार्य के लिहाज़ से बनाए जाने वाले इन हेलीपैड़ों के लिए ज़मीन चिह्नित की जा रही है. संवाददाता चंदन बंगारी की रिपोर्ट के मुताबिक एडीएम ललित नारायण मिश्र ने बताया कि ये हेलीपैड ऐसी ऊंची जगहों पर बनाए जाने हैं, जहां बारिश में जलभराव नहीं होता हो और आसानी से हेलीकॉप्टर की लैंडिंग हो सके. दरअसल बरसात में खटीमा, बाजपुर, सितारगंज में बाढ़ और जलभराव की दिक्कतों से लोग जूझते हैं. कई बार उन तक राहत पहुंचाना मुहाल हो जाता है इसलिए यह कवायद हो रही है.
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Tags: Hemkund Sahib Yatra, Uttarakhand Government
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