International Women's Day: पोलियो को नजरअंदाज कर जीवन में इस तरह आगे बढ़ रही गुड्डी कनवासी
गुड्डी जब डेढ़ साल की थी तब उन्हें पोलियो का पता चला और तब से लेकर अब तक उन्होंने जीवन को सकारात्मक लेते हुए अपना खुद का बुटीक एवं ब्यूटी पार्लर खोला है.
- News18 Uttarakhand
- Last Updated: March 8, 2019, 2:22 PM IST
कहते हैं कि अगर किसी में आगे बढ़ने की लगन हो तो फिर विपरीत परिस्थितियां भी उसके आगे घुटने टेक देती है. कुछ ऐसा ही कर दिखाने का काम कर रही है उत्तराखंड के चमोली जिले में रहने वाली दिव्यांग गुड्डी कनवासी. अपने मजबूत इरादों की बदौलत गुड्डी कनवासी न सिर्फ आगे बढ़ी बल्कि दूसरों के लिए भी रोजगार बढ़ाने का काम कर रही हैं.
दरअसल, जनपद चमोली के गौचर नगर में गुड्डी कनवासी अपनी ब्यूटी पार्लर चलाती है, जहां न सिर्फ स्थानीय लोग बल्कि विदेशी सैलानी भी मेकअप कराने पहुंचते हैं. औरा बुटीक एवं पार्लर का संचालन करने वाली गुड्डी जब डेढ़ साल की थी तबसे उन्हें पोलियो है.
गुड्डी का कहना है कि शुरुआती समय में वो काफी परेशान रही, लेकिन बाद में उसने इस पर ध्यान देना बंद कर दिया और जिंदगी में आगे बढ़ने का निर्णय लिया. इसके लिए गुड्डी ने अपनी पढ़ाई के साथ-साथ ब्यूटीशियन का कोर्स किया. इसके बाद औरा बुटीक एवं ब्यूटी पार्लर खोला, जो इस इलाके का सबसे बेहतर पार्लर माना जाता है. वहीं गुड्डी के पार्लर में यहां कई लड़कियों को रोजगार भी मिल रहा है. गुड्डी ने खुद को सिर्फ औरा बुटीक तक ही सीमित नहीं रखा है बल्कि वो यहां लड़कियों को ब्यूटीशियन का कोर्स भी कराती है.
बहरहाल, जहां कुछ लोग अपनी मजबूरियों का रोना रोकर मेहनत करने से बचते हैं और सरकारी योजनाओं तक ही खुद को समेटकर रख देते हैं. वहां गुड्डी कनवासी उन जैसे लोगों के लिए एक मिसाल है, जो अपनी विकलांगता को अपनी लाचारी बना लेते हैं.ये भी पढ़ें:- वो देश जहां की महिलाएं सबसे ज्यादा खुश हैं
ये भी पढ़ें:- Women's Day: मिलिए बिलासपुर की इस 'पैडगर्ल' से, जिसने बदल दी महिलाओं की जिंदगी
दरअसल, जनपद चमोली के गौचर नगर में गुड्डी कनवासी अपनी ब्यूटी पार्लर चलाती है, जहां न सिर्फ स्थानीय लोग बल्कि विदेशी सैलानी भी मेकअप कराने पहुंचते हैं. औरा बुटीक एवं पार्लर का संचालन करने वाली गुड्डी जब डेढ़ साल की थी तबसे उन्हें पोलियो है.
गुड्डी का कहना है कि शुरुआती समय में वो काफी परेशान रही, लेकिन बाद में उसने इस पर ध्यान देना बंद कर दिया और जिंदगी में आगे बढ़ने का निर्णय लिया. इसके लिए गुड्डी ने अपनी पढ़ाई के साथ-साथ ब्यूटीशियन का कोर्स किया. इसके बाद औरा बुटीक एवं ब्यूटी पार्लर खोला, जो इस इलाके का सबसे बेहतर पार्लर माना जाता है. वहीं गुड्डी के पार्लर में यहां कई लड़कियों को रोजगार भी मिल रहा है. गुड्डी ने खुद को सिर्फ औरा बुटीक तक ही सीमित नहीं रखा है बल्कि वो यहां लड़कियों को ब्यूटीशियन का कोर्स भी कराती है.
बहरहाल, जहां कुछ लोग अपनी मजबूरियों का रोना रोकर मेहनत करने से बचते हैं और सरकारी योजनाओं तक ही खुद को समेटकर रख देते हैं. वहां गुड्डी कनवासी उन जैसे लोगों के लिए एक मिसाल है, जो अपनी विकलांगता को अपनी लाचारी बना लेते हैं.ये भी पढ़ें:- वो देश जहां की महिलाएं सबसे ज्यादा खुश हैं
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First published: March 8, 2019, 11:35 AM IST
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