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काला राजमा और मक्का है उत्तराखंड के इस गांव की पहचान, पर्यटक भी खरीदे बिना नहीं जाते

काला राजमा शरीर के लिए काफी फायदेमंद है.

काला राजमा शरीर के लिए काफी फायदेमंद है.

चमोली जिले के झींझी गांव में लोग उसकी खूबसूरती देखने तो आते ही हैं, साथ ही यहां उगाया जाने वाला राजमा भी उन्हें खूब पसं ...अधिक पढ़ें

    सोनिया मिश्रा

    चमोली. उत्तराखंड के चमोली जिले की निजमुला घाटी में झींझी गांव (Jhinjhi Village Uttarakhand) अपनी खूबसूरती के साथ-साथ काला राजमा और मक्का के लिए भी जाना जाता है. इस गांव में कुल 28 परिवार रहते हैं. ज्यादातर परिवार मक्का, काला राजमा, चौलाई, आलू व अन्य सब्जियों को उगाते हैं. स्थानीय लोगों का व्यवसाय भी पर्यटन और फसलों से जुड़ा है.

    झींझी गांव के निवासी मोहन नेगी बताते हैं कि गांव अपनी सुंदरता से भरपूर है और दूर-दूर से लोग गांव की सुंदरता को निहारने और सुकून के पल बिताने के लिए यहां पहुंचते हैं, जिससे उनका रोजगार चलता है.

    वहीं क्षेत्र में काला राजमा, मक्का और चौलाई की काफी मात्रा में खेती की जाती है. दूरदराज से घूमने आने वाले पर्यटक यहां से पहाड़ी दालें खासकर काला राजमा अपने साथ जरूर लेकर जाते हैं. राजमा समेत ज्यादातर दालें 100 रुपये किलो बेची जाती हैं.

    काले राजमा के फायदे

    काला राजमा पोषक तत्वों से भरपूर होता है. यह बादी नहीं होता है. इसे खाने से गैस की समस्या नहीं होती है. साथ ही इसके सेवन से वजन बढ़ने की दिक्कत से भी छुटकारा मिलता है. पाचन में फाइबर की अधिकता के कारण यह पचने में भी आसान होता है. कमजोर हड्डियों की मरम्मत के लिए भी कैल्शियम और मैग्नीशियम की अधिकता के कारण यह राजमा अच्छा रहता है.काला राजमा ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में भी सहायक होता है.

    मक्का भी झींझी गांव की है मुख्य फसल

    झींझी गांव की मुख्य फसल मक्का भी है. यहां का मक्का अपने खास स्वाद के लिए जाना जाता है. मक्का मोटे अनाजों की श्रेणी में आने वाली फसल है जो कि खरीफ ऋतु (जून-जुलाई) की फसल है. मक्का कार्बोहाइड्रेट का बहुत अच्छा स्रोत है.

    बजट में मोटे अनाज किए गए हैं शामिल

    इस बार के बजट में मोटे अनाजों को भी शामिल किया गया है, जिसमें कि मोटे अनाजों का भी बाजार भाव तय किया जाएगा. सरकार के इस फैसले से पहाड़ के किसानों को इसका लाभ मिलेगा. वहीं मोटे अनाज की खेती को भी बढ़ावा मिलेगा.

    कैसे पहुंचे झींझी गांव?

    अगर आप उत्तराखंड की राजधानी देहरादून तक पहुंच गए हैं, तो देहरादून से आपको सीधे बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग में चमोली से आगे बिरही तक आना होगा. बिरही में अलकनंदा और बिरही का संगम होता है और इसी संगम से आपकी निजमुला घाटी का सफर शुरू हो जाएगा.बिरही से 35 किलोमीटर की दूरी पर काले राजमा और मक्का के लिए देशभर में मशहूर झींझी गांव बसा है. बता दें किनिजमुला घाटी में 10 गांव हैं. गाड़ी, सैंजी, ब्यारा, निजमुला, गौणा, धार कुमाला, दुर्मी, पगना, झींझी और इराणी गांव इस ग्राम सभा में आते हैं.

    Tags: Chamoli News, Uttarakhand news

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