कहा जाता है देवीभूमि उत्तराखंड (Uttarakhand) के कण कण में भगवान विराजमान हैं. चंपावत जिले के एक गांव में इस हकीकत को बयां करती तस्वीर दिखी है. चंपावत के चेकुनीबोहरा गांव में बीते सोमवार को एक पहाड़ी की खुदाई के दौरान 11वीं से 13वीं शताब्दी के मंदिर के भग्नावशेष मिलें हैं. पहले मां अनिता देवी फिर बेटे सागर महर को सपने में दिखे भगवान शिव के बताए स्थान पर नवरात्र से ठीक एक दिन पहले चमत्कार होने का दावा किया जा रहा है. पहाड़ी खोदने पर 11वीं से 13वीं ईसवी का प्राचिन शिव मंदिर मिला.
कहतें हैं सपने भी सच होतें हैं. भगवान शिव के दिन कहे जाने वाले बीते सोमवार को एक मां- बेटे को आये सपने में घर के पास की पहाड़ी में मंदिर दबे होने के संकेत मिलतें हैं. सुबह सपना देखने वाले शिव भक्त सागर ने गांव वालों के साथ खुदाई की तो भगवान शिव का एक प्राचिन मंदिर मिल गया, जिसमें भगवान गणेश, चतुर्भुज देवी की मूर्तियां भी मिली है. यही नहीं खुदाई के दौरान भी मां बेटे को उस स्थान पर देव डागर का अवतार हो गया.
चंद राजाओं की राजधानी कहे जाने वाली चंपावत के चेकुनीबोहरा गांव की एक पहाड़ी में खुदाई के दौरान मिलें मन्दिर और मूर्तियों को लेकर जानकर बताते हैं खुदाई में मन्दिर में मिलें भग्नावशेष. चंपावत में कत्यूरी शासन और चंद राजाओं के दौर में बने मन्दिर की तरह है. मौजूदा समय उन मंदिरों का संरक्षण पुरातत्व विभाग कर रहा है. खुदाई में प्राचीन शिव मंदिर मिलने के बाद खुदाई स्थल पर स्थानीय लोगों के साथ जिसे भी पता चला वह उस खुदाई स्थल की जगह जाता दिखा जहां प्राचीन मंदिर मिला है.
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FIRST PUBLISHED : April 13, 2021, 12:27 IST