स्टिंग मामले पर 19 नवंबर तक सुनवाई स्थगित, सिब्बल ने पेश कीं दलीलें

etv, pradesh18
उत्तराखंड हाईकोर्ट की एकलपीठ में हरीश रावत स्टिंग मामले पर अब 19 नवम्बर तक के लिए सुनवाई स्थगित हो गई है.
- ETV UP/Uttarakhand
- Last Updated: October 22, 2016, 5:48 PM IST
उत्तराखंड हाईकोर्ट की एकलपीठ में हरीश रावत स्टिंग मामले पर अब 19 नवम्बर तक के लिए सुनवाई स्थगित हो गई है. शनिवार को सीनियर एडवोकेट ने कई तथ्य कोर्ट के सामने रखे और संवैधानिक प्रावधानों का हवाला देते हुए स्टिंग मामले की सीबीआई जांच को कटघरे में खड़ा किया.
हॉर्स ट्रेडिंग के आरोपों से जुड़े स्टिंग मामले में सीबीआई जांच रद्द करने की मांग से जुड़ी मुखयमंत्री हरीश रावत की याचिका पर शनिवार को सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कई तथ्य कोर्ट के सामने रखे.
सिब्बल ने कहा कि पूरे मामले की पृष्ठभूमि पर गौर करें तो स्टिंग का सीधा कनेक्शन एक स्थिर सरकार को अस्थिर करना था. पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत, बीजेपी, केन्द्र सरकार और स्टिंग करने वाले पत्रकार की संगठित साजिश का ये स्टिंग ऑपरेशन हिस्सा है.
कपिल सिब्बल ने स्टिंग वीडियो की जांच आनन-फानन में सीएफएसएल चंडीगढ़ से कराने पर भी सवाल खड़े किए. सिब्बल ने ये भी कहा कि सीबीआई जांच कराने से पहले कानूनी राय क्यों नहीं ली गई. सिब्बल ने सवाल पूछते हुए कहा कि असल में इस मामले में आरोपी है कौन?अभी तक यही साफ नहीं है.दिल्ली पुलिस स्टैबलिशमेंट एक्ट का हवाला देते हुए सिब्बल ने कहा कि सीबीआई का कार्यक्षेत्र ऐसे मामलों में सिर्फ संघ शासित क्षेत्र में है. एक्ट के मुताबिक नोटिफिकेशन किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ जारी नहीं किया जाता बल्कि अपराध के मामले में जारी किया जाता है. राज्यपाल की मंजूरी पर भी सिब्बल ने सवाल खड़े किए.
कपिल सिब्बल ने अपना पक्ष मजबूती से रखते हुये बोम्मई केस से जुड़े 9 जजों के फैसले का जिक्र किया.सिक्किम और केरल के फैसलों का जिक्र करते हुये सीबीआई जांच पर सवाल खड़े किये और कहा कि ये वैधानिक नहीं है.राज्य की पुलिस मामले की जांच करने में सक्षम है.
फिलहाल सिब्बल ने मामले को प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने और सरकार को कमजोर करने की दलील मजबूती से रखी और अगली सुनवाई के लिये कोर्ट से समय मांगा.अन्य पक्षों की सहमति के बाद सुनवाई के लिए 19 नवम्बर की तारीख तय हुई है. कपिल सिब्बल अगली सुनवाई पर भी अपनी दलीलें पेश करेंगे उसके बाद राज्य की ओर से शेखर नाफ्ड़े पक्ष रखेंगे.
हॉर्स ट्रेडिंग के आरोपों से जुड़े स्टिंग मामले में सीबीआई जांच रद्द करने की मांग से जुड़ी मुखयमंत्री हरीश रावत की याचिका पर शनिवार को सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कई तथ्य कोर्ट के सामने रखे.
सिब्बल ने कहा कि पूरे मामले की पृष्ठभूमि पर गौर करें तो स्टिंग का सीधा कनेक्शन एक स्थिर सरकार को अस्थिर करना था. पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत, बीजेपी, केन्द्र सरकार और स्टिंग करने वाले पत्रकार की संगठित साजिश का ये स्टिंग ऑपरेशन हिस्सा है.
कपिल सिब्बल ने स्टिंग वीडियो की जांच आनन-फानन में सीएफएसएल चंडीगढ़ से कराने पर भी सवाल खड़े किए. सिब्बल ने ये भी कहा कि सीबीआई जांच कराने से पहले कानूनी राय क्यों नहीं ली गई. सिब्बल ने सवाल पूछते हुए कहा कि असल में इस मामले में आरोपी है कौन?अभी तक यही साफ नहीं है.दिल्ली पुलिस स्टैबलिशमेंट एक्ट का हवाला देते हुए सिब्बल ने कहा कि सीबीआई का कार्यक्षेत्र ऐसे मामलों में सिर्फ संघ शासित क्षेत्र में है. एक्ट के मुताबिक नोटिफिकेशन किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ जारी नहीं किया जाता बल्कि अपराध के मामले में जारी किया जाता है. राज्यपाल की मंजूरी पर भी सिब्बल ने सवाल खड़े किए.
कपिल सिब्बल ने अपना पक्ष मजबूती से रखते हुये बोम्मई केस से जुड़े 9 जजों के फैसले का जिक्र किया.सिक्किम और केरल के फैसलों का जिक्र करते हुये सीबीआई जांच पर सवाल खड़े किये और कहा कि ये वैधानिक नहीं है.राज्य की पुलिस मामले की जांच करने में सक्षम है.
फिलहाल सिब्बल ने मामले को प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने और सरकार को कमजोर करने की दलील मजबूती से रखी और अगली सुनवाई के लिये कोर्ट से समय मांगा.अन्य पक्षों की सहमति के बाद सुनवाई के लिए 19 नवम्बर की तारीख तय हुई है. कपिल सिब्बल अगली सुनवाई पर भी अपनी दलीलें पेश करेंगे उसके बाद राज्य की ओर से शेखर नाफ्ड़े पक्ष रखेंगे.