सीएम हरीश रावत ने कहा है कि पर्वतीय जिलों में ऋण-जमा अनुपात के साथ ही बैंक शाखाएं व बैंक-मित्र में वृद्धि किए जाने की आवश्यकता है. उत्तराखंड के न्यू कैंट रोड स्थित सीएम आवास में आयोजित राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 54 वीं बैठक में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के सहयोग से नए उद्यमी तैयार किए जा सकते हैं.
प्रदेश सरकार ने 25 से 30 हजार उद्यमी तैयार करने का लक्ष्य रखा है. इसमें प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से भी टाईअप किया जा सकता है. मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाए जाने की आवश्यकता है. उन्होंने बैंकों से अपेक्षा की कि खराब आर्थिक स्थिति वाले स्वयं सहायता समूहों को रिकवरी के लिए परेशान न किया जाए, बल्कि उनके रिवाईवल के लिए बेहतर कार्ययोजना बनाई जाए.
बैंकों और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से स्वयं सहायता समूहों को पुनर्जीवित किया जा सकता है. हर बैंक10-15 स्वयं सहायता समूहों को गोद लें तो इन समूहों के माध्यम से ग्रामीण आर्थिकी में सुधार लाया जा सकता है.
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि प्रदेश में ऋण-जमा अनुपात में जिलावार काफी विषमताएं हैं. ऊधमसिंहनगर में यह अनुपात 107 प्रतिशत है परंतु अल्मोड़ा में केवल 22 प्रतिशत ही है. इन विषमताओं को दूर करने के लिए कार्ययोजना बनाकर प्रयास किए जाएं. पौड़ी व अल्मोडा जिलों पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है.
कृषि, बागवानी, सूक्ष्म व लघु उद्योग, अल्पसंख्यक, महिला व कमजोर वर्गों सहित प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को ऋण उपलब्ध कराए जाने की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्रों को बैंकों द्वारा उपलब्ध कराए गए ऋणों के आंकड़े नियमित रूप से उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए.
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FIRST PUBLISHED : August 13, 2015, 12:46 IST