अब बदमाश भी संगीन वारदातों में जमकर हाईटेक तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं. बदमाश बड़े ही शातिराना अंदाज में साइबर क्राइम की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. इसलिए आप भी जरा सावधान हो जाइए, क्योंकि कहीं ऐसा न हो कि आपके महत्वपूर्ण दस्तावेज बदमाशों के हाथों में पहुंच गए हों और वो इनका इस्तेमाल आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने में कर रहे हों.
इन दिनों उत्तराखंड में फर्जी तरीके से मोबाइल फोन के सिमकार्ड को बेचने का गोरखधंधा चल रहा है. प्रतिस्पर्द्धा की इस दौड़ में प्रतिद्वंद्वियों से आगे निकलने के लिए निजी कंपनियां बिना वेरीफिकेशन के ही सिमकार्ड बेच रही हैं.
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश में सक्रिय बदमाश फर्जी दस्तावेजों के सहारे करीब 143 सिमकार्ड खरीद चुके हैं. जिनका इस्तेमाल ये बदमाश साइबर क्राइम के लिए भी कर सकते हैं.
ऐसे मामलों से निपटने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएसफ) फर्जी दस्तावेजों से सिम बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की योजना तैयार कर रही है. पुलिस अधिकारियों को ऐसे कई सबूत मिलें है जिनसे यह साफ हो चुका है कि कुछ बदमाश रंगदारी मांगने, धमकी देने, ऑनलाइन धोखाधड़ी के लिए फर्जी दस्तावेजों से लिए गए मोबाइल नम्बरों का इस्तेमाल कर रहे हैं.
एसटीएफ की एसपी पी. रेणुका देवी ने कहा कि फर्जी दस्तावेजों के जरिए चलने वाले मोबाइल नम्बर को ट्रेस कर इन्हें बंद करने के लिए मोबाइल फोन कंपनियों के अधिकारियों के साथ मीटिंग की जा रही है.
पुलिस अधिकारियों का मानना है कि बदमाशों ने अब क्राइम के ट्रेंड में चेंज कर दिया है. ऐसे में पुराने तरीकों से बदमाशों को गिरफ्तार करने और उनके खिलाफ एक्शन लेना पुलिस के सामने बड़ी चुनौती है.
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FIRST PUBLISHED : November 02, 2015, 23:26 IST