सरकार के नोटबंदी (Notebandi) और नए नोट (New Currency) छापकर नकली नोटों (Fake currency ) को ख़त्म करने की योजना को नकली नोट छापने वाले शातिर नाकाम कर रहे हैं. देहरादून पुलिस (Dehradun Police) ने नकली नोटों का व्यापार करने वाले दो शातिर अभियुक्तों (Accused) को थाना क्लेमेंटाउन क्षेत्र (Clementon Area) से गिरफ्तार किया है. पकड़े गए बदमाशों से करीब 6,50,000 की नकली भारतीय करेंसी (Fake Indian Currency) समेत दो प्रिंटर (Printer), चार प्रिंटिंग कार्टेज (Priting Cartridge), एक पिस्टल (Pistol), चार जिंदा कारतूस और एक बुलेट मोटरसाइकिल (Bullet Motorbike) भी बरामद की गई है. पकड़े गए दोनों शातिर लंबे समय से अपने एक साथी दिल्ली में नकली नोट छाप रहे थे और उसे सप्लाई कर रहे थे. इस गिरोह का मास्टरमाइंड अभी फ़रार है.
देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अरुण मोहन जोशी ने बताया कि पंचायत चुनाव के मद्देनज़र पुलिस सतर्क है और सभी जगह सघन चेकिंग अभियान चला रही है. इसी क्रम में क्लेमेन्टाउन थानाध्यक्ष के नेतृत्व में पुलिस टीम पोस्ट ऑफिस रोड तिराहे के पास चेकिंग कर रहे थे जब एक मुखबिर ने बताया कि सिल्वर बुलेट में दो लड़के नकली भारतीय करेन्सी लेकर आ रहे हैं. थोड़ी देर में हरियाणा नंबर की बुलेट में आए दो लड़के पुलिस को देखकर मुड़ने लगे तो पुलिस ने उन्हें घेरकर पकड़ लिया.
तलाशी में एक के पास से दो लेपटॉप, 2000 रुपये के 259 नकली नोट और एक पिस्टल और चार ज़िंदा कारतूस बरामद किए गए. दूसरे युवक के पास से काले रंग की प्रिंटर मशीन, चार प्रिन्टिग कार्टेज और नकली नोट छापने के लिए 16 पेज के अलावा 500 रुपये नोट के 262 नकली नोट बरामद हुए.
इनमें से एक राजेश गौतम पूर्वी दिल्ली और दूसरा विक्रान्त चौहान हापुड़ का रहने वाला है. पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे लोग रुड़की के संजय शर्मा के साथ मिलकर नकली करेंसी छापने और चलाने का काम करते हैं. शर्मा इस गोरखधंधे का मास्टर माइंड है. चूंकि उसके बेटे का एक्सीडेन्ट हुआ था इसलिए दोनों अभियुक्त नकली नोट चलाने देहरादून आए थे.
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FIRST PUBLISHED : September 18, 2019, 20:01 IST