देहरादून. बीजेपी में उम्मीदवारों की पहली लिस्ट का ऐलान हुए 48 घंटे भी नहीं हुए और पार्टी के भीतर अनुशासन तार-तार हो गया. पिथौरागढ़ से लेकर चमोली तक और नैनीताल से रुद्रप्रयाग तक पार्टी संगठन में विद्रोह शुरू हो चुका है. किसी सीट से किसी दावेदार ने भाजपा छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है तो किसी सीट पर दावेदार अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस जॉइन करने का रुख कर रहे हैं. इस पूरी स्थिति को संभालने के लिए भाजपा ने अपने कई नेताओं को ज़िम्मेदारियां ज़रूर दी हैं, लेकिन फिलहाल हालात बेकाबू ही दिख रहे हैं.
बीजेपी ने गुरुवार को अपनी पहली लिस्ट जारी करते हुए दस सिटिंग विधायकों को रिप्लेस कर 59 सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए. लेकिन, चंद घंटों के भीतर ही देहरादून से चमोली और बागेश्वर तक बवाल शुरू हो गया. नरेंद्र नगर सीट पर पूर्व विधायक और टिकट के दावेदार ओम गोपाल रावत ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया. कपकोट में सुरेश गड़िया को टिकट दिए जाने से पूर्व विधायक शेर सिंह गड़िया के समर्थन में मंडल महामंत्री समेत 39 पदाधिकारियों ने रिजाइन कर दिया. नैनीताल ज़िले की भीमताल सीट पर भी कई पदाधिकारियों के साथ करीब 150 कार्यकर्ताओं ने पार्टी छोड़ दी. देखिए कहां क्या हालात हैं.
निर्दलीय लड़ेंगी थराली की विधायक
चमोली जनपद की बात करें, तो थराली और कर्णप्रयाग विधानसभा के सिटिंग विधायकों का टिकट भाजपा ने काटा. हमारे संवादाता नितिन सेमवाल की रिपोर्ट के मुताबिक थराली विधायक मुन्नी देवी शाह ने अब निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने कहा कि पार्टी द्वारा उनके साथ धोखा किया गया. टिकट वितरण में उनकी सहमति नही ली गई और कांग्रेस पृष्ठभूमि के व्यक्ति को टिकट दे दिया. उन्होंने कहा कि पार्टी उन्हें टिकट देती, जो संगठन में सालों से पार्टी के लिए काम कर रहे थे, तो भी ठीक था.
यहां JEP के टिकट पर लड़ेंगे BJP नेता
देवप्रयाग विधानसभा सीट से सिटिंग विधायक को रिपीट कर फिर चुनावी टिकट दिए जाने से भाजपा में बगावत हो गई. हमारे संवाददाता सुधीर भट्ट की रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व ब्लॉक प्रमुख और पार्टी टिकट के दावेदार भाजपा नेता ने पार्टी छोड़कर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया. श्रीनगर गढ़वाल में बागी मगनसिंह बिष्ट ने पत्रकार वार्ता कर पार्टी नेताओं पर गंभीर आरोप भी जड़े. उन्होंने उत्तराखंड जन एकता पार्टी से चुनाव लड़ने का ऐलान किया.
गदरपुर सीट पर भी गदर
2007 में विधानसभा चुनाव लड़ चुके और गदरपुर से भाजपा टिकट के दावेदार रहे रविन्द्र बजाज ने समर्थकों के साथ पार्टी छोड़ने की घोषणा कर दी. संवाददाता चंदन बंगारी की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने लगातार दूसरी बार अरविंद पांडेय को प्रत्याशी बनाए जाने पर आरोप लगाया कि पांडेय ने दस सालों में कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न किया है. लगातार जानकारी पार्टी को दी गई, लेकिन पार्टी ने नज़रअंदाज़ किया. हालांकि बजाज ने अभी चुनाव लड़ने की मंशा नहीं जताई.
भीमताल में बवाल, 150 कार्यकर्ताओं ने छोड़ी भाजपा
नैनीताल से संवाददाता वीरेंद्र बिष्ट ने बताया कि भीमताल सीट पर पूर्व जिला अध्यक्ष मनोज शाह ने अपने 150 से ज्यादा समर्थक कार्यकर्ताओं के साथ बीजेपी से इस्तीफा दे दिया. शाह ने दावा किया कि वो निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में जाएंगे. भीमताल से बीजेपी ने पूर्व कांग्रेसी राम सिंह कैड़ा को टिकट दे दिया, जिसके बाद पार्टी में बगावत हो गई.
और भी कई सीटों पर है बवाल
द्वाराहाट से टिकट कटने से विधायक महेश नेगी नाराज हैं, तो देहरादून की धर्मपुर सीट पर भी बगावत करते हुए बीजेपी नेता वीर सिंह पंवार ने अपने समर्थकों की मीटिंग बुलाकर निर्दलीय मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया. विधानसभा सीटों किच्छा, यमुनोत्री, झबरेड़ा, रुद्रपुर, गदरपुर, नैनीताल में भी बवाल मचा है. हालांकि, पार्टी को इस बात की आशंका थी और उसने टिकट वितरण से पहले ही सांसदों की ड्यूटी लगाकर कोऑर्डिनेशन की ज़िम्मेदारी दी थी. सांसद नरेश बंसल का कहना है कि सब ठीक है. टिकट कटने पर बुरा लगना स्वाभाविक है.
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