देहरादून. अन्य राज्यों से उत्तराखंड पहुंचने वाले मिल्क प्रोडक्टों की क्वालिटी को लेकर खाद्य विभाग ने छापेमारी कर उत्तर प्रदेश से आया 500 किलो मिलावटी पनीर ज़ब्त किया. इधर, हरिद्वार के जूर्स कंट्री अपार्टमेंट में 8 साल के बच्चे की मौत स्वीमिंग पूल में डूबने से हुई तो बवाल खड़ा हो गया. वहीं, प्रदेश के बच्चों को खेलों में बढ़ावा देने के लिए हरियाणा की तर्ज़ पर राज्य ने स्कॉलरशिप की शुरुआत करने का इरादा किया है. अल्मोड़ा से भी बड़ी खबर है कि न्याय के देवता कहे जाने वाले गोल्ज्यू मंदिर की दो समितियों के बीच बखेड़ा हो गया है.
पहले बात करें खाद्य सुरक्षा विभाग की छापेमारी की, तो विभाग ने दून के अलग अलग स्थानों से मुरादाबाद, रामपुर से बेचने के लिए लाया गया पनीर बड़ी मात्रा में ज़ब्त किया. इसके सैंपल जांच के लिए भेजे दिए गए. सतेंद्र बर्त्वाल की ही रिपोर्ट है कि 8 साल से कम उम्र के बच्चों को राज्य सरकार 1500 रुपये हर महीने स्पोर्ट्स स्कॉलरशिप देगी. इसकी शुरुआत खेल दिवस से की जानी है. खेल मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि हरियाणा ने खेल जगत में जैसे छाप छोड़ी है, उसी तर्ज पर अब उत्तराखंड भी नाम बनाएगा.
स्वीमिंग पूल पर स्टाफ या ट्रेनर क्यों नहीं था?
हरिद्वार के जूर्स कंट्री अपार्टमेंट की सोसायटी में तब लोगों ने बवाल खड़ा कर दिया जब गुरुवार देर रात स्वीमिंग पूल में 8 साल के बच्चे का शव मिला. पुलकित शुक्ला की रिपोर्ट की मानें तो मृतक बच्चे के परिजनों ने सवाल खड़े किए कि जब रोज़ की तरह बच्चा जिम्नास्टिक्स सीखने गया था और वह कब पूल पर चला गया, वहां कोई ट्रेनर क्यों नहीं था! किसी को कोई खबर क्यों नहीं हुई?
परिजनों का आरोप है कि ये सब बिल्डर और सोसायटी प्रबंधन की लापरवाही है, जबकि हर माह सोसायटी मेंटेनेंस के लिए मोटी रकम वसूलती है. सुरक्षा मानकों में कमी के लिए बिल्डर पर लोगों ने एक्शन की मांग की, तो एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार ने जांच के बाद कार्रवाई करने की बात कही.
उत्तरकाशी में मलबे ने रोका यमुना का प्रवाह
उत्तरकाशी ज़िले में चारधाम परियोजना के तहत हाईवे चौड़ीकरण का मलबा सीधे यमुना में उंड़ेला जा रहा है. बलबीर परमार की रिपोर्ट है कि किसाला खनेड़ा मोटर पुल के पास यमुना का प्रवाह अवरुद्ध हो गया है. इन दिनों यमुनोत्री हाईवे पर चौड़ीकरण का काम युद्धस्तर पर जारी है और कार्यदायी संस्था कई स्थानों पर मलबा सीधे नदी में उंड़ेल रही है. गंगा विचार मंच के प्रदेश संयोजक लोकेंद्र बिष्ट ने इस पर सवाल खड़ा किए हैं.
न्याय के देवता के दरबार में विवाद, कौन करेगा न्याय?
अल्मोड़ा के प्रसिद्ध कलबिष्ट डाना गोल्ज्यू मंदिर में दो समितियों के गठन के बाद विवाद शुरू हो गया है. न्याय देने वाले देवता कहे जाने वाले गोल्ज्यू के दरबार में दो समितियों के दो अध्यक्ष खुद को असली बता रहे हैं. किशन जोशी की रिपोर्ट कहती है कि अब प्रशासन जल्द ही जांच कर इस मामले में न्याय कर सकता है. एक अध्यक्ष देव सिंह पिलख्वाल का कहना है कि सभी सदस्यों द्वारा उनक चयन किया गया, जबकि दूसरे अध्यक्ष रमेश सिंह का आरोप है कि पिलख्वाल पिछले लंबे समय से हिसाब मंदिर समिति को नही दे रहे और अब खुद को अध्यक्ष बता रहे हैं.
इधर, पिलख्वाल ने शिकायत की है कि पुरानी समिति ने ही नये चुनाव कराकर समिति का नवीनीकरण कर लिया. विवाद से जुड़े लोगों की मांग है कि कलबिष्ट डाना गोलू समिति का एक ट्रस्ट बने तो समस्या खत्म हो सकती है. असल में, मंदिरों में श्रद्धालुओं से लाखों रुपये दान में आते हैं. इस पर अधिकार के लिए वर्चस्व की लड़ाई सामने आई है.
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