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उत्तराखंड से बड़ी खबर - देवस्थानम बोर्ड हो सकता है भंग, क्या 27 नवंबर से पहले ऐलान करेंगे CM धामी?

लंबे समय से सुर्खियों में रहे देवस्थानम बोर्ड एक्ट विवाद पर हल जल्द आ सकता है.

लंबे समय से सुर्खियों में रहे देवस्थानम बोर्ड एक्ट विवाद पर हल जल्द आ सकता है.

Politics of Uttarakhand : उत्तराखंड विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) से पहले सबसे बड़े मुद्दों में शुमार रहे देवस्था ...अधिक पढ़ें

देहरादून. उत्तराखंड से बड़ी खबर यह आ रही है कि देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का मन सरकार ने बना लिया है और जल्द ही इस बारे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ऐलान कर सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक 27 नवंबर से पहले धामी देवस्थानम बोर्ड एक्ट को रद्द करने की घोषणा कर सकते हैं ताकि साधु संत और पुरोहित समाज का विरोध और तेज़ न हो. विधानसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच पुरोहित समाज के उग्र विरोध प्रदर्शन को देखते हुए राज्य सरकार ने यह मन बना लिया है और सूत्रों का कहना है कि पुरोहितों व संत समाज की ‘आक्रोश रैली’ से पहले सरकार इस बारे में फैसला या ऐलान कर सकती है.

हालांकि अभी इस बारे में सरकार की तरफ से कोई औपचारिक बयान या सूचना जारी नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों और चर्चा के अनुसार माना जा रहा है कि सरकार यह बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है. इसके पीछे कुछ बड़े और ताज़ा कारण सामने आ चुके हैं. मंगलवार को ही कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के आवास पर तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत के बैनर तले पंडों, पुरोहितों ने प्रदर्शन करते हुए शीर्षासन लगाकर विरोध ज़ाहिर किया था. इस मौके पर प्रदर्शनकारी पुरोहितों से मिलकर उनियाल ने कहा था कि 30 नवंबर तक बड़ा ऐलान किया जाएगा.

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ऐलान 27 नवंबर से पहले ही क्यों?
उनियाल के बयान से संकेत मिले थे और अब सूत्र बता रहे हैं कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 27 नवंबर के पहले ही इस बारे में कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं. इसकी दो वजहें हैं, एक तो यह कि इसी तारीख को 2019 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार ने देवस्थानम बोर्ड एक्ट बनाया था. और दूसरी वजह यह है कि इसी तारीख को ‘काले दिन’ के रूप में मनाते हुए पुरोहितों ने इस बार ‘आक्रोश रैली’ की घोषणा कर दी है. और जानकार मान रहे हैं कि विधानसभा चुनाव से ऐन पहले पुरोहित समाज का ‘आक्रोश’ भाजपा नहीं झेलना चाहेगी.

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इससे पहले इस मामले में सीएम धामी ने हाईपावर कमेटी बनाई थी और पुरोहितों की मांग पर विचार करने की कवायद शुरू की थी. हालांकि लंबे समय से पुरोहित समाज यही आरोप लगा रहा था कि इस मामले में सरकार टालमटोल कर रही है ताकि चुनाव तक यह मामला लटका ही रह जाए. इसी के मद्देनज़र पुरोहितों ने विरोध को तेज़ किया.

Tags: Char Dham, Protest Against Devasthanam Act, Uttarakhand Assembly Election 2022, Uttarakhand Government, Uttarakhand news, Uttarakhand politics

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