पुष्कर सिंह धामी की सरकार उत्तराखंड में महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए नई कार्ययोजना बना रही है.
देहरादून. उत्तराखंड में 2022 के विधान सभा चुनाव परिणाम को याद कीजिए. जब महिलाएं पुरुषों से एक कदम आगे बढ़कर वोटिंग के लिए बाहर निकलीं और बंपर मतदान किया. नतीजा तमाम मिथकों को तोड़ते हुए बीजेपी ने सत्ता में वापसी कर इतिहास बना डाला. बीजेपी अब आधी आबादी की इस शक्ति को हाथ से नहीं खिसकने देना चाहती. महिलाओं के लिए तीस फीसदी क्षैतिज आरक्षण के बाद सरकार अब सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए महिला नीति भी बनाने जा रही है.
महिला नीति के इस शुरुआती ड्राफ्ट में पंचायतों में पचास फीसदी आरक्षण की तरह निकायों, निगमों में भी आरक्षण देने की बात कही गई है. इसके साथ ही टॉप हिल्स, फुट हिल्स और तराई की राज्य की भौगोलिक सरंचना के अनुरूप महिलाओं के लिए सुरक्षा और सामाजिक हिस्सेदारी की बात कही गई है. महिला सशक्तिकरण मंत्री रेखा आर्य का कहना है कि महिलाओं का वोट पाना है तो उनके लिए सोचना भी होगा. सरकार महिला नीति को लेकर प्रतिबद्ध है.
फिलहाल राज्य महिला आयोग महिला नीति का रफ ड्राफ्ट तैयार कर चुका है. इस पर विभिन्न डिपार्टमेंट्स की राय और सुझाव के लिए आठ दिसंबर को चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में मीटिंग बुलाई गई है. इसके बाद महिला नीति का ड्राफ्ट आकार लेगा.
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