बोर्ड परीक्षाओं के लिए अब 2 महीने का ही वक्त बचा है.
ने बोर्ड परीक्षाओं में 12वीं क्लास के इंग्लिश कोर पेपर के पैटर्न में एक्सपर्ट्स के साथ विचार विमर्श के बाद बदलाव किया है. ऐसा इसलिए ताकि परीक्षा प्रणाली को सरल बनाया जा सके. बता दें कि दिव्यांग छात्रों को भी परीक्षा में अपनी पंसद के सेंटर चुनने के अलावा अपनी पसंद के कोऑर्डिनेटर से सवाल हल करवाने की इजाज़त होगी. इसके अलावा पहले की तरह दिव्यांग छात्रों को अधिक समय भी मिलेगा.
में सीबीएसई के क्षेत्रीय निदेशक रणवीर सिंह ने उम्मीद जताते हुए कहा कि इन तमाम बदलावों के बावजूद देहरादून ज़ोन ही 2017 की तरह इस बार भी कंट्री टॉपर देगा. वहीं स्कूल की तरफ से इन बदलावों को काफ़ी अच्छा माना जा रहा है. रणवीर सिंह ने कहा कि मेरा सारे विद्यालयों को संदश है कि छात्र-छात्राओं को कम्फर्ट जोन दिया जाए. साथ ही उन्हें प्रोत्साहित किया जाए. जरूरत है कि बच्चों को यह कहते हुए प्रेरित किया जाए कि अब बोर्ड की परीक्षा के लिए मात्र दो महीने दस दिन रह गए हैं. बच्चे अपने कोर्स को दोहराएं और अपनी तैयारियां पूरी रखें.
उन्होंने कहा कि बच्चे जिस सेंटर पर परीक्षा देने जाएं वहां उनके स्कूल के दो टीचर मौजूद रहें. स्कूल के ये टीचर बच्चों को कम्फर्ट दें और उन्हें एक्जाम सेंटर तक जाकर छोड़ें. फिर टीचर अपनी ड्यूटी पर लौट जाएं. इसके बाद फिर ये टीचर बच्चों से उनके अगले दिन के पेपर के संदर्भ में बातचीत करें और उन्हें तैयार करें. ऐसा इसलिए ताकि बच्चे निराश नहीं हों.
वहीं केंद्रीय विद्यालय सालावाल ब्रांच के प्रधानाचार्य इंद्रजीत सिंह ने कहा कि बच्चों में पास होने के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण हो. बच्चे फेल नहीं हों. इस दृष्टि से सीबीएसई का यह एक बहुत अच्छा निर्णय है कि बच्चों में नकारात्म प्रवृत्ति न जाए कि हम फेल हो गए हैं.
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FIRST PUBLISHED : November 30, 2018, 20:41 IST