Uttarakhand Cabinet Decision: एससी और पिछड़ा वर्ग के 42 हजार छात्रों को छात्रवृत्ति देने का फैसला

छात्रवृत्ति को लेकर उत्तराखंड सरकार का बड़ा फैसला.(फाइल फोटो)
Dehradun News: उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Government) ने दलित और पिछड़ा वर्ग के छात्र-और छात्राओं को छात्रवृत्ति (Scholarship) देेने को प्रस्ताव पास किया. इसके साथ ही कई अहम फैसले कर छात्रों को शिक्षा में सुविधाएं देने की बात कही. 155 संस्कृत शिक्षकों के मानदेय में वृद्धि का फैसला किया.
- News18 Uttarakhand
- Last Updated: January 22, 2021, 11:59 PM IST
देहरादून. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) की अध्यक्षता में शुक्रवार देर शाम मुख्यमंत्री आवास पर मंत्रिमंडल की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए. बैठक में खासकर छात्रों के भविष्य और शिक्षा पर विशेष फोकस रहा. बैठक में कैबिनेट (Cabinet) ने 15 बिंदुओं पर निर्णय लिए गए. इसमें अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ी जाति के 42641 छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति दिए जाने का निर्णय लिया गया. इसके साथ कैबिनेट ने कक्षा नौ से दसवीं तक प्री मेट्रिक छात्रवृत्ति योजना की बीते दो वर्षों की 8.15 करोड़ की धनराशि देने को भी मंजूरी दी। वहीं प्रबंधकीय व्यवस्था के तहत सहायताप्राप्त अशासकीय विद्यालयों में पढ़ा रहे 155 संस्कृत शिक्षकों को उनके शिक्षण अनुभव के आधार पर मानदेय में वृद्धि करने का भी फैसला लिया। सरकार का फोकस शिक्षा पर खासतौर पर रहा है.
उत्तराखंड में 2017-18 और 2018-19 के दौरान केंद्र से छात्रवृत्ति आवंटन नहीं मिलने से अनुसूचित जाति के 22492 छात्र-छात्राएं छात्रवृत्ति से वंचित रह गए थे. इसको लेकर उत्तराखंड सरकार ने तय किया कि वह छात्रवृत्ति की इस 3.79 करोड़ की धनराशि को अपने चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट से भुगतान करेगी.
इसी तरह ओबीसी छात्रवृत्ति योजना के तहत 20149 छात्र-छात्राओं को भी उक्त छात्रवृत्ति की 4.36 करोड़ की राशि के भुगतान को भी मंजूरी दी गई. माना जा रहा है कि अगली साल होने वाले चुनावों को लेकर सरकार का फोकस पिछड़ा वर्ग पर है. इसी को लेकर कैबिनेट में उसको ध्यान में रखकर कई और फैसले कर सकती है.
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मंत्रिमंडल ने अन्य फैसले में समाज कल्याण विभाग की प्री मेट्रिक व पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत छात्रवृत्ति को मंजूरी देने की योजना को जिलाधिकारी के स्तर पर छात्रवृत्ति के भौतिक सत्यापन के नियमों को सरल किया गया है. छात्रवृत्ति के लिए अब आनलाइन फार्म भरते समय त्रुटि रहने पर फार्म निरस्त नहीं किया जाएगा. इस त्रुटि को विभागीय अधिकारी ठीक कराएंगे.
उत्तराखंड में 2017-18 और 2018-19 के दौरान केंद्र से छात्रवृत्ति आवंटन नहीं मिलने से अनुसूचित जाति के 22492 छात्र-छात्राएं छात्रवृत्ति से वंचित रह गए थे. इसको लेकर उत्तराखंड सरकार ने तय किया कि वह छात्रवृत्ति की इस 3.79 करोड़ की धनराशि को अपने चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट से भुगतान करेगी.
इसी तरह ओबीसी छात्रवृत्ति योजना के तहत 20149 छात्र-छात्राओं को भी उक्त छात्रवृत्ति की 4.36 करोड़ की राशि के भुगतान को भी मंजूरी दी गई. माना जा रहा है कि अगली साल होने वाले चुनावों को लेकर सरकार का फोकस पिछड़ा वर्ग पर है. इसी को लेकर कैबिनेट में उसको ध्यान में रखकर कई और फैसले कर सकती है.
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मंत्रिमंडल ने अन्य फैसले में समाज कल्याण विभाग की प्री मेट्रिक व पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत छात्रवृत्ति को मंजूरी देने की योजना को जिलाधिकारी के स्तर पर छात्रवृत्ति के भौतिक सत्यापन के नियमों को सरल किया गया है. छात्रवृत्ति के लिए अब आनलाइन फार्म भरते समय त्रुटि रहने पर फार्म निरस्त नहीं किया जाएगा. इस त्रुटि को विभागीय अधिकारी ठीक कराएंगे.