सदन पटल पर आज कैग की रिपोर्ट रखी गई. साल 2016 -17 की इस रिपोर्ट में कई गम्भीर मामले उठाए गए हैं.
उत्तराखंड में क्लीन गंगा मिशन और ग्रामीण इलाके को ओडीएफ घोषित करने पर सीएजी ने सवाल खड़े किए हैं. सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट गुरुवार को विधानसभा में पेश कर दी गई. रिपोर्ट में सरकारी विभागों का गड़बड़झाला दर्शाया गया है. गंगा नदी को पुनर्जीवित करने, ग्रामीण स्वच्छता मिशन, ऊर्जा, आबकारी सहित कई विभागों और योजनाओं के ऑडिट में 877.65 करोड़ का गड़बड़झाला पकड़ा गया है.
राज्य सरकार ने पिछले साल मई माह में उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्र को खुले में शौच मुक्त यानि ओडीएफ घोषित किया गया है, जबकि ऑडिट रिपोर्ट में कई जगहों पर टॉयलेट नहीं होने की बात कही गई है. एक लाख अस्सी हजार घरों को एक्शन प्लान में शामिल ही नहीं किया गया है, जबकि क्लीन गंगा मिशन के तहत 25 से 58 फीसदी धनराशि साल 2012-13 से 2016-17 के बीच खर्च ही नहीं की गई.
हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा नदी में बिना ट्रीटमेंट के ही सीवरेज का पानी बहाने की भी बात कैग ने कही है. स्वास्थ्य विभाग में एक करोड़ से ज्यादा के गबन, आबकारी विभाग में सैंकड़ों करोड़ के राजस्व की हानि और ऊर्जा विभाग के मामले में भी ऑडिट रिपोर्ट में कई अहम खुलासे किए गए हैं. देहरादून में प्रधान महालेखाकार ने प्रेस कांफ्रेंस कर रिपोर्ट की जानकारी साझा की.
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