देहरादून. चार धाम यात्रा में दुर्घटनाओं और मौतों का सिलसिला जारी है. यमुनोत्री पैदल मार्ग (Yamunotri Walk) पर भंडेलीगाड़ के पास अचानक पहाड़ी से भारी पत्थर के गिरने से एक महिला श्रद्धालु की मौत हो गई. वहीं, चार धाम यात्रा से लौटते हुए स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के चलते हृदयगति रुकने से दो और श्रद्धालुओं की मौत हुई. इनके शवों को ऋषिकेश के शवगृह में रखवाया गया है और बुधवार 18 मई के आंकड़ों के हिसाब से बताया जा रहा है कि अब चार धाम यात्रा में मौतों की संख्या 46 हो गई है.
इससे पहले 16 मई तक के आंकड़ों के हिसाब से बताया गया था कि दो हफ्तों यानी 3 मई से 16 मई तक कुल 43 श्रद्धालुओं की जान चार धाम यात्रा के दौरान गई. इधर, 16 और 17 मई को चार धाम रूट समेत उत्तराखंड के कई इलाकों में बारिश और आंधी का भी प्रकोप रहा. पहाड़ी इलाकों में बारिश के बाद भूस्खलन की घटनाओं में इज़ाफ़ा होता है इसलिए कुछ रास्ते भी बंद होने की खबरें लगातार आ रही हैं. इसी तरह, भूस्खलन से धामों के रास्ते खतरनाक भी हो गए हैं.
पहाड़ी से पत्थर गिरने से हुई मौत
उत्तराखंड में यमुनोत्री पैदल मार्ग पर बुधवार को भंडेलीगाड़ (Bhandeligad) और भैरव मंदिर (Bhairav Mandir) के बीच पहाड़ी से अचानक भारी पत्थर गिरा. समाचार एजेंसी पीटीआई की एक खबर के मुताबिक महाराष्ट्र (Maharashtra) की एक महिला श्रद्धालु की जान इस हादसे में चली गई. बड़कोट के थाना प्रभारी गजेंद्र भौगुना के मुताबिक औरंगाबाद ज़िले की शकुन्तला बाई बाबूराव रिन्डे दोपहर को यमुनोत्री धाम की यात्रा के दौरान दुर्घटना की शिकार हो गईं.
हृदयगति रुकने से मौतों का सिलसिला भी जारी
खबरों की मानें तो पूर्वी मेदनीपुर जिला, बंगाल की निवासी 45 वर्षीय डॉ. नीमयी पात्रा जब चारधाम यात्रा से लौट रही थीं, तब चमोली के पांडुकेश्वर में उनकी हालत बिगड़ी. बुधवार देर रात ऋषिकेश अस्पताल में उन्हें डॉक्टरों ने मृत बता दिया. इसी तरह, मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के निवासी 65 वर्षीय गोकुल प्रसाद चौबे की तबीयत मुनिकीरेती में गुरुवार सुबह बिगड़ी और बाद में उन्होंने दम तोड़ दिया.
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