कोविड-19 पर सरकार कोई ठोस कदम उठा सकती है. (सांकेतिक तस्वीर)
देहरादून. उत्तराखंड में कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने अपना विकराल रूप दिखाना शुरू कर दिया है. विभिन्न संस्थानों से सामूहिक रूप से कोरोना के केस सामने आ रहे हैं. इसने सरकार की चिंता बढ़ा दी है. मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (CM Tirath Singh Rawat) ने कल कैबिनेट मीटिंग बुलाई थी. माना जा रहा है कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर सरकार राजधानी देहरादून समेत कुछ जिलों में नाइट कर्फ्यू (Night curfew) लगाने का निर्णय ले सकती है. न्यूज 18 से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने भी नाइट कर्फ्यू लगाने की बात को इनकार नहीं किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि शाम को आयोजित कैबिनेट मीटिंग में इस पर विचार करने के बाद फैसला लिया जाएगा. यानि कि ये तय है कि कोविड-19 पर सरकार कोई ठोस कदम उठा सकती है.
कोरोना संक्रमण के मद्देनजर उत्तराखंड में देहरादून सबसे हॉट स्पॉट बना हुआ है. पूरे उत्तराखंड में कोविड के पांच हजार से अधिक एक्टिव केस हैं. इसमें से सबसे अधिक करीब दो हजार मामले अकेले देहरादून में हैं, तो दूसरे नंबर पर हरिद्वार है. हरिद्वार में डेढ़ हजार, नैनीताल में साढे पांच सौ एक्टिव केस हैं. इन तीनों जिलों में रोज सबसे अधिक केस भी मिल रहे हैं.
हॉस्टल को आइसोलेट कर दिया गया है
देहरादून में फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट में सेंट्रल एकेडमी फ़ॉर स्टेट फ़ॉरेस्ट सर्विस के 14 ट्रेनी अफसर, ओएनजीसी में 27 अधिकारी, कर्मचारी और उनके परिजन कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं. द दून स्कूल में छात्रों और टीचर्स के कोविड पॉजिटिव आने के बाद एक हॉस्टल को आइसोलेट कर दिया गया है.
मरीजों का आंकड़ा अन्य जिलों की अपेक्षा अधिक है
मामले में डीएम देहरादून आशीष श्रीवास्तव का कहना है, क्योंकि देहरादून में कई केंद्र संस्थान मौजूद हैं. एजुकेशन का हब है. राज्य की राजधानी होने के नाते बड़े पैमाने पर लोगों का आना जाना लगा रहता है. इसके अलावा कई मेडिकल इंस्टिट्यूशन, हॉस्पिटल राजधानी में मौजूद हैं. यही कारण है कि यहां पर कोविड-19 पेशेंट का आंकड़ा अन्य जिलों की अपेक्षा अधिक है.
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