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Dehradun news: देहरादून में 'ऑपरेशन कामधेनु' चलाएगी पुलिस, ऐसे लोगों पर होगी सख्त कार्रवाई

उत्तराखंड की राजधानी में पुलिस एक विशेष अभियान "ऑपरेशन कामधेनु"चलाने जा रही है. इस अभियान के तहत उन लोगों पर सख्त कार् ...अधिक पढ़ें

हिना आज़मी
देहरादून: भारत में देवी-देवताओं की तरह पूजी जाने वाली गाय को हिंदू संस्कृति में माता का दर्जा दिया गया है क्योंकि गाय प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कृति की मूल आधार रही है. मानव जाति का भरण-पोषण करने वाली गाय को लोग सड़कों पर आवारा छोड़ देते हैं. कभी वह खुद चोटिल हो जाती है या ट्रैफिक में हादसों का सबब बनती हैं. इन लावारिस छोड़े गए बेजुबान पशुओं के संरक्षण के लिए देहरादून पुलिस आगे आयी है.

देहरादून पुलिस गौ-संरक्षण के लिए ‘ऑपरेशन कामधेनु’ चलाने जा रही है. इसके तहत अपने बीमार पशुओं को सड़कों पर छोड़ने वाले लोगों पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा.

दरअसल, राजधानी देहरादून में अपने पशुओं को आवारा सड़कों पर छोड़ने वालों पर देहरादून ट्रैफिक पुलिस अब मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करेगी. अपने पशुओं पर मालिकाना हक साबित करने के लिए लोगों को कचहरी और थाने के चक्कर काटने पड़ेंगे.

जानवरों को बेसहारा छोड़ा तो होगा मुकदमा दर्ज :
देहरादून एसपी ट्रैफिक अक्षय कोंडे ने जानकारी दी कि पुलिस मुख्यालय के आदेश के बाद देहरादून जनपद में ऑपरेशन कामधेनु शुरू करने की तैयारी की जा रही है. सड़कों पर घूमने वाले आवारा पशुओं की रक्षा के लिए नगर निगम के साथ मिलकर देहरादून पुलिस इस अभियान पर काम करने वाली है.

उन्होंने बताया कि जो लोग अपने पशुओं को सड़कों पर बेसहारा छोड़ देते हैं और उन्हें शेल्टर नहीं देते हैं. उन पर सीआरपीसी की धारा 102 तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा. उन्होंने बताया कि जो भी पशु सड़कों पर पाए जाएंगे उन्हें पशुपालन केंद्रों में रखा जाएगा . इसके अलावा पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के तहत भी कार्यवाही की जाएगी .

क्या है सीआरपीसी की धारा 102 में प्रावधान :
देहरादून एसपी ट्रैफिक अक्षय कोंडे ने आगे कहा कि अगर सीआरपीसी की धारा 102 के तहत मुकदमा दर्ज हो जाता है, तो आप को अपने पशुओं के मालिकाना हक से हाथ धोना पड़ेगा और उस पशु को अपना साबित करने के लिए आपको कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने पड़ेंगे. इसीलिए बेहतर है कि आप अपने पशुओं को बाहर न छोड़े

स्वार्थ पूर्ति के बाद गाय को लावारिस छोड़ना आम बात :
गौरक्षा के लिए काम करने वाली सुनीता राणा का कहना है कि हम कई बार ऐसे मामले देखते हैं, जिनमें जब गाय दूध देना बंद कर देती है तो उसे सड़कों पर लावारिस छोड़ दिया जाता है. जिसके बाद जानवरों की दशा खराब हो जाती है. उन्होंने कहा कि ऐसा ना करें, पालतू पशु भी हमारे समाज का हिस्सा हैं.

Tags: Dehradun news, Uttarakhand news

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