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Dehradun News: दून अस्पताल में 300 कर्मचारियों की सेवा समाप्त, विरोध प्रदर्शन जारी , जानिए पूरा मामला

कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवाओं के बदहाल होने पर राज्य के सरकारी अस्पतालों में तकरीबन 1600 कर्मचारी एजेंसी के माध्यम नि ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट : हिना आज़मी

देहरादून. उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में पहले से ही कर्मचारियों की कमी से मरीज परेशान चल रहे थे. राजधानी देहरादून के दून अस्पताल जैसे बड़े सरकारी अस्पताल में 15 मार्च को 250 कर्मचारियों की सेवा खत्म होने से मरीजों की परेशानियां और बढ़ गई हैं. कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवाओं के बदहाल होने पर राज्य के सरकारी अस्पतालों में तकरीबन 1600 कर्मचारी एजेंसी के माध्यम नियुक्त किए गए थे. वहीं हालात बेहतर होने पर कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया. इसके बाद कर्मचारियों ने आंदोलन शुरू किया, तो उन्हें दोबारा बहाल कर लिया गया.

बहाली के दौरान कर्मचारियों का 6 महीने के लिए सेवा विस्तार दिया गया था . अक्टूबर 2022 में बहाल किए गए संविदाकर्मियों का समय 15 मार्च 2023 को पूरा हो गया.राज्य भर के 1600 कर्मचारियों में से सिर्फ दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के ही करीब 300 भर्तियां ऐसी हुई थीं.दून अस्पताल में पहले से ही नर्सिंग स्टाफ ,वार्ड बॉय और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की कमी के चलते व्यवस्थाएं चरमरा रही थीं लेकिन अब मरीजों की मुश्किल और बढ़ने वाली है. आउटसोर्सिंग एजेंसी टीडीएस के माध्यम से नियुक्त किए गए इन संविदा कर्मियों की सेवाएं खत्म होने के बाद अब यह संविदा कर्मचारी एक बार फिर बहाली की मांग को लेकर अस्पताल के सामने ही धरने पर बैठ गए है.

जरूरत पर हमने दिया था साथ
इन स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि कोविड जैसे संकटकाल में हम बिना अपनी जान की चिंता किए बिना परिवार से दूर रहकर अपनी सेवाएं दे रहे थे. उस वक्त सरकार को अस्पतालों में हमारी सेवा की जरूरत थी तो हमें नियुक्त कर लिया,और जब हमें नौकरी की जरूरत है तो सभी को नौकरी से निकाला जा रहा है.संविदाकर्मी सीता ने बताया कि कोरोना संकट में उन्होंने बहुत कुछ झेला था. वह अपने बच्चों को छोड़कर मरीजों की सेवा में लगीं रहीं और उसके बदले उन्हें क्या मिला.

अनुबंध में था समय का जिक्र
वहीं दूसरे संविदाकर्मी संजय सिंह ने बताया कि सरकार को रिपोर्ट गई है कि अस्पताल को स्वास्थ्य कर्मियों की जरूरत है क्योंकि मेडिकल कॉलेज 755 बेड का अस्पताल भी बना चुका है. उनका कहना है कि अस्पताल प्रशासन की तरफ से सरकार को डिमांड लेटर भेजा गया है लेकिन अब तक सरकार की तरफ से कोई भी कार्यवाही नहीं हुई है.दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सीएमएस डॉ वाई रिजवी ने जानकारी दी कि आउटसोर्स एजेंसी टीडीएस के माध्यम से 281 पदों पर वैकेंसी निकाली गई थी, जिनमें से करीब 250 लोगों ने जॉइन किया था. उन्होंने बताया कि पहले ही नियुक्ति पत्र में यह बात मेंशन की गई थी कि 15 मार्च तक की समय अवधि तक ही सेवा विस्तार होगा.

सरकारी आदेश का होगा पालन
वहीं अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों की कमी पर बात करते हुए सीएमएस डॉक्टर रिजवी ने कहा कि यदि आवश्यकता पड़ी, तो इन पदों पर नियुक्ति दी जाएगी या तो इन्हीं लोगों को रखा जाएगा या अन्य लोगों को रखा जा सकेगा. कुल मिलाकर जैसा सरकारी आदेश होगा , उनके मुताबिक ही अस्पताल प्रशासन अनुपालन करेगा.

Tags: Dehradun news, Uttarakhand news

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