तहसील में शिकार ढूंढता था नकली SDM... देहरादून में 15 लाख की धोखाधड़ी में हुआ गिरफ़्तार

पुलिस को आरोपी के पास से आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, अलग-अलग बैंकों की पासबुक, चेक बुक, फ़ोटो आई डी और कुछ कैश बरामद हुआ है.
SSP योगेन्द्र रावत का कहना है कि अश्वनी कुमार के 3 साथी फ़रार हैं, जिनकी लगातार तलाश की जा रही है.
- News18 Uttarakhand
- Last Updated: January 11, 2021, 6:34 PM IST
देहरादून. उत्तराखंड की राजधानी (अस्थाई) बनने के बाद से ही देहरादून में ज़मीन के दाम लगातार बढ़ते रहे हैं और भू-माफ़िया भी यहां सक्रिय नज़र आते रहे हैं. देहरादून पुलिस ने एक ऐसे गिरोह को गिरफ़्तार किया है जो ज़मीन के काम को लेकर तहसील जाने वालों को ठगी का शिकार बनाता था. गिरोह का सरगना खुद को एसडीएम बताता था और ज़मीन की समस्या दूर करने के नाम पर लोगों से लाखों रुपये की ठगी कर फ़रार हो जाता था. पुलिस का कहना है कि उसके तीन साथी अभी फ़रार हैं जिनकी तलाश की जा रही है.
सुद्धोवाला से किया गिरफ़्तार
मुख्य आरोपी अश्विनी कुमार को फर्जी एसडीएम बनकर लोगों को लाखों का चूना लगाने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है. पुलिस के अनुसार अश्वनी कुमार अपने साथी के साथ मिलकर तहसील के बाहर ज़मीन की समस्या के लिए आये लोगों को अपने झांसे में लिया करता था. फिर उन्हें फुसलाकर लाखों रुपये की ठगी कर रफ़ूचक्कर हो जाता था.
ऐसे ही एक मामले में इस गिरोह ने देहरादून के प्रेमनगर थाना क्षेत्र के एक पीड़ित की ज़मीन में चल रही समस्या को ठीक करवाने का झांसा दिया और 15 लाख रुपये लेकर फ़रार हो गया. पीड़ित की तहरीर पर देहरादून पुलिस ने सुद्धोवाला से आरोपी को गिरफ़्तार किया.हरिद्वार में जेल काट चुका है
देहरादून के एसएसपी योगेन्द्र रावत का कहना है कि अश्वनी कुमार के 3 अन्य साथी फ़रार चल रहे हैं. पुलिस उनकी लगातार तलाश कर रही है. आरोपी अश्विनी पर पहले भी मुकदमे दर्ज हैं और वह पहले भी हरिद्वार में जेल काट चुका है.
उसके पास से पुलिस को आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, अलग-अलग बैंकों की पासबुक, चेक बुक, फ़ोटो आई डी और कुछ कैश बरामद हुआ है.

पूछताछ में अश्वनी कुमार ने बताया कि 1992 में उसमे पीसीएस का एग्ज़ाम पास किया था. किसी कारणवश वह इंटरव्यू में बाहर हो गया था. इसके बाद उसने एसडीएम बनकर ठगी करना शुरू कर दिया.
सुद्धोवाला से किया गिरफ़्तार
मुख्य आरोपी अश्विनी कुमार को फर्जी एसडीएम बनकर लोगों को लाखों का चूना लगाने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है. पुलिस के अनुसार अश्वनी कुमार अपने साथी के साथ मिलकर तहसील के बाहर ज़मीन की समस्या के लिए आये लोगों को अपने झांसे में लिया करता था. फिर उन्हें फुसलाकर लाखों रुपये की ठगी कर रफ़ूचक्कर हो जाता था.
ऐसे ही एक मामले में इस गिरोह ने देहरादून के प्रेमनगर थाना क्षेत्र के एक पीड़ित की ज़मीन में चल रही समस्या को ठीक करवाने का झांसा दिया और 15 लाख रुपये लेकर फ़रार हो गया. पीड़ित की तहरीर पर देहरादून पुलिस ने सुद्धोवाला से आरोपी को गिरफ़्तार किया.हरिद्वार में जेल काट चुका है
देहरादून के एसएसपी योगेन्द्र रावत का कहना है कि अश्वनी कुमार के 3 अन्य साथी फ़रार चल रहे हैं. पुलिस उनकी लगातार तलाश कर रही है. आरोपी अश्विनी पर पहले भी मुकदमे दर्ज हैं और वह पहले भी हरिद्वार में जेल काट चुका है.
उसके पास से पुलिस को आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, अलग-अलग बैंकों की पासबुक, चेक बुक, फ़ोटो आई डी और कुछ कैश बरामद हुआ है.
पूछताछ में अश्वनी कुमार ने बताया कि 1992 में उसमे पीसीएस का एग्ज़ाम पास किया था. किसी कारणवश वह इंटरव्यू में बाहर हो गया था. इसके बाद उसने एसडीएम बनकर ठगी करना शुरू कर दिया.