देहरादूनः जौलीग्रांट एयरपोर्ट में घुसा गुलदार, रेस्क्यू में जुटा फ़ॉरेस्ट डिपार्टमेंट

गुलदार को पकड़ने के लिए मौके पर रेस्क्यू टीम.
उत्तराखंड का जौलीग्रांट एयरपोर्ट (Jolly grant Airport) जंगल से लगा हुआ है. यहां अक्सर बन्दर, सियार और भेड़िए एयरस्ट्रिप पर आ जाते हैं. आज एक गुलदार ने एयरपोर्ट के सुरक्षा प्रबंधन को मुश्किल में डाल दिया.
- News18 Uttarakhand
- Last Updated: December 1, 2020, 2:18 PM IST
देहरादून. जौलीग्रांट एयरपोर्ट (Jollygrant Airport) में गुलदार (Guldar) घुस गया है. फॉरेस्ट विभाग की रेसक्यू टीमें पिछले कई घंटे से गुलदार को रेस्क्यू करने कोशिशों में जुटी हुई हैं. गुलदार एयरस्ट्रिप के पास स्थित एक ड्रेनेज में घुस गया है. एयरपोर्ट की सुरक्षा में लगी सीआरपीएफ को आज सुबह एयरस्ट्रिप (airstrip) के पास गुलदार नजर आया. सीआरपीएफ द्वारा तत्काल इसकी सूचना फ़ॉरेस्ट डिपार्टमेंट को दी गई. फारेस्ट डिपार्टमेंट की दो टीमें रेसक्यू ऑपरेशन में लगी हुई हैं. लेकिन, गुलदार के ड्रेनेज पाइप में घुस जाने के कारण रेसक्यू में दिक्कत आ रही है.
जौलीग्रांट एयरपोर्ट जंगल से लगा हुआ है. यहां अक्सर बन्दर, सियार और भेड़िए एयरस्ट्रिप पर आ जाते हैं. फ़ॉरेस्ट डिपार्टमेंट यहां पिंजरे लगाकर अभी तक कई बंदर और सियार पकड़ चुका हैं. पिछले महीने रिंगटेल कैट भी पहली बार यहां से पकड़ी गई थी. फ़ॉरेस्ट डिपार्टमेंट यहां अक्सर पिंजरा लगा के रखता है. फ़ॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने अब एक्सर्पट डॉक्टरों की टीम बुलाई है. गुलदार को ट्रेंकुलाइज करने की योजना है. लेकिन इसके लिए भी तब तक इंतजार करना होगा जब तक गुलदार ड्रेनेज से बाहर नहीं आ जाता.
बाघों की संख्या उसकी क्षमता से अधिक हो गई है
बता दें कि बीते दिनों खबर सामने आई थी कि 71 फीसदी फॉरेस्ट कवर्ड एरिया वाले उत्तराखंड के प्रसिद्व दो पार्कों, कार्बेट टाइगर रिजर्व (Corbett Tiger Reserve) और राजाजी नेशनल पार्क (Rajaji National Park) जिसे अब राजाजी टाइगर रिजर्व भी कहा जाता है, में बाघ और हाथियों की संख्या क्षमता से अधिक हो गई है. भारतीय वन्य जीव संस्थान, डब्लूआईआई (WII) की एक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. डब्लूआईआई के वैज्ञानिकों को उत्तराखंड फॉरेस्ट डिपार्टमेंट द्वारा जून में एक प्रोजेक्ट सौंपकर इन दोनों पार्कों की बाघ और हाथियों की कैंरिग क्षमता पता करने को कहा था. डब्लूआईआई ने इस रिपोर्ट का कुछ पार्ट फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को सौंप दिया है. रिपोर्ट बताती है कि कार्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या उसकी क्षमता से अधिक हो गई है.
जौलीग्रांट एयरपोर्ट जंगल से लगा हुआ है. यहां अक्सर बन्दर, सियार और भेड़िए एयरस्ट्रिप पर आ जाते हैं. फ़ॉरेस्ट डिपार्टमेंट यहां पिंजरे लगाकर अभी तक कई बंदर और सियार पकड़ चुका हैं. पिछले महीने रिंगटेल कैट भी पहली बार यहां से पकड़ी गई थी. फ़ॉरेस्ट डिपार्टमेंट यहां अक्सर पिंजरा लगा के रखता है. फ़ॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने अब एक्सर्पट डॉक्टरों की टीम बुलाई है. गुलदार को ट्रेंकुलाइज करने की योजना है. लेकिन इसके लिए भी तब तक इंतजार करना होगा जब तक गुलदार ड्रेनेज से बाहर नहीं आ जाता.
बाघों की संख्या उसकी क्षमता से अधिक हो गई है
बता दें कि बीते दिनों खबर सामने आई थी कि 71 फीसदी फॉरेस्ट कवर्ड एरिया वाले उत्तराखंड के प्रसिद्व दो पार्कों, कार्बेट टाइगर रिजर्व (Corbett Tiger Reserve) और राजाजी नेशनल पार्क (Rajaji National Park) जिसे अब राजाजी टाइगर रिजर्व भी कहा जाता है, में बाघ और हाथियों की संख्या क्षमता से अधिक हो गई है. भारतीय वन्य जीव संस्थान, डब्लूआईआई (WII) की एक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. डब्लूआईआई के वैज्ञानिकों को उत्तराखंड फॉरेस्ट डिपार्टमेंट द्वारा जून में एक प्रोजेक्ट सौंपकर इन दोनों पार्कों की बाघ और हाथियों की कैंरिग क्षमता पता करने को कहा था. डब्लूआईआई ने इस रिपोर्ट का कुछ पार्ट फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को सौंप दिया है. रिपोर्ट बताती है कि कार्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या उसकी क्षमता से अधिक हो गई है.