Haridwar Kumbh 2021: मगरमच्छों की मौजूदगी से दहशत, सुरक्षा के लिए वन विभाग करेगा टैगिंग

हरिद्वार में मगरमच्छों की मौजूदगी से वन विभाग अलर्ट.
Dehradun News: हरिद्वार कुंभ (Haridwar Kumbh 2021) से पहले वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट चिन्हित नदी क्षेत्रों में घड़ियाल और मगरमच्छ की टैगिंग करने जा रहा है.
- News18 Uttarakhand
- Last Updated: February 24, 2021, 7:14 PM IST
देहरादून. उत्तराखंड (Uttarakhand) में हाल ही में हुई जलीय जीवों की गणना में जो आंकड़े सामने आए उसके अनुसार मगरमच्छों की अनुमानित संख्या 451 तो घड़ियालों की संख्या 77 के आसपास है. इनमें से बड़ी तादाद हरिद्वार में है. यही कारण है कि मगरमच्छों के सबसे अधिक हमले हरिद्वार (Haridwar) में ही सामने आए हैं. पिछले साल सितंबर में लक्सर में मगरमच्छ ने एक आठ साल की बच्ची को निवाला बना दिया था. लिहाजा कुंभ में नदी किनारों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने के मद्देनजर वन विभाग की चिंता बढ़ गई है.
इसके लिए वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट भारतीय वन्य जीव संस्थान की मदद से हरिद्वार के चिन्हित नदी क्षेत्रों में घड़ियाल और मगरमच्छ की टैगिंग करने जा रहा है. चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन जेएस सुहाग का कहना है कि हरिद्वार क्षेत्र की नदियों के पिछले 10 सालों के रिकॉर्ड की स्टडी की जा रही है. इसके लिए फ़ॉरेस्ट अफसरों की दो टीमें बनाई गई है, जिन क्षेत्रों में सबसे अधिक हमले हुए होंगे. वहां मगरमच्छों को टैगिंग की जाएगी.
रेडियो कॉलर लगाने की तैयारी
वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट कनफ्लिक्ट एनिमल को भी रेडियो कॉलर कर रहा है. हरिद्वार में हाथियों तो हरिद्वार समेत प्रदेश भर में 7 गुलदारों को रेडियो कॉलर किया जा चुका है. इसी के तहत प्रदेश में पहली बार चमोली और जोशीमठ में आबादी क्षेत्र में आने के आदी हो चुके भालुओं को भी रेडियो कॉलर किया जा रहा है. चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन जेएस सुहाग का कहना है कि भालूओं के लिए रेडियो कॉलर मंगाए जा रहे हैं. इसके बाद भारतीय वन्य जीव संस्थान के साइंटिस्टों की देखरेख में भालूओं को रेडियो कॉलर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.ये भी पढ़ें: Delhi News: केजरीवाल सरकार ने संभाला खर्चा, ऐसे हर परिवार को मिला रहा है लाखों का फायदा
चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन जेएस सुहाग का कहना है कि गर्मियों में घड़ियाल और मगरमच्छ के हमले की घटनाएं बढ़ जाती हैं. ऐसे में कुंभ में श्रद्धालुओं की भारी तादाद के मद्देनजर वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट कोई भी जोखिम नहीं लेना चाहता.
इसके लिए वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट भारतीय वन्य जीव संस्थान की मदद से हरिद्वार के चिन्हित नदी क्षेत्रों में घड़ियाल और मगरमच्छ की टैगिंग करने जा रहा है. चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन जेएस सुहाग का कहना है कि हरिद्वार क्षेत्र की नदियों के पिछले 10 सालों के रिकॉर्ड की स्टडी की जा रही है. इसके लिए फ़ॉरेस्ट अफसरों की दो टीमें बनाई गई है, जिन क्षेत्रों में सबसे अधिक हमले हुए होंगे. वहां मगरमच्छों को टैगिंग की जाएगी.
रेडियो कॉलर लगाने की तैयारी
चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन जेएस सुहाग का कहना है कि गर्मियों में घड़ियाल और मगरमच्छ के हमले की घटनाएं बढ़ जाती हैं. ऐसे में कुंभ में श्रद्धालुओं की भारी तादाद के मद्देनजर वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट कोई भी जोखिम नहीं लेना चाहता.