. प्रदेश के कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत मंगलवार को सरकारी अस्पताल की लगातार मिल रही अव्यवस्थाओं की शिकायत को लेकर निरीक्षण करने पहुंच गए. अस्पताल का निरीक्षण करने के दौरान विधायक दीवान सिंह बिष्ट भी साथ रहे. इस दौरान व्यवस्थाओं को लेकर मंत्री और हॉस्पिटल इंचार्ज के बीच नोक-झोंक हो गई. उन्होंने चिकित्सालय में स्वास्थ्य व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए.
रामनगर के सरकारी अस्पताल को बेहतर बनाने के लिए पूर्व में प्रदेश सरकार द्वारा इसे पीपीपी मोड पर दे दिया गया था. पीपीपी मोड पर जाने के बाद भी मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ न मिलने पर मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में जाना पड़ता है. यहां काफी मंहगा इलाज होता है. मंगलवार को निरीक्षण के दौरान कैबिनेट मंत्री भगत व अस्पताल इंचार्ज के बीच व्यवस्थाओं को लेकर तीखी नोक-झोंक हो गई. अस्पताल इंचार्ज ने मंत्री के सामने यह तक कह डाला कि आप जिस माहौल में बात कर रहे हैं, उस माहौल में मैं बात नहीं करूंगा. मैं कोई अपराधी नहीं हूं. इतना सुनते ही मंत्री भगत का पारा चढ़ गया.
इसके बाद मंत्री से इस प्रकार का व्यवहार करने के बाद कार्यकर्ताओं की भी जमकर नोकझोंक हो गई. मौके पर मौजूद एसडीएम विजय नाथ शुक्ल ने मामला शांत किया. कैबिनेट मंत्री भगत ने कहा कि अस्पताल में ब्लड बैंक शुरू करने की मंजूरी 2007 में मिल गई थी, लेकिन आज तक यह चालू नहीं हो पाया है. इसका लाइसेंस भी 3 माह पूर्व मिल चुका है. ब्लड बैंक शुरू न होने पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि 1 सप्ताह के भीतर इसे शुरू कर दिया जाएगा. अस्पताल में यदि किसी का सीटी स्कैन नहीं होता है तो उनको अवगत कराएं. इस पर कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रामनगर के इस अस्पताल को शीघ्र ही 100 बेड का कोविड अस्पताल बनाने की तैयारी चल रही है. इसकी अनुमति सरकार द्वारा शीघ्र दे दी जाएगी. अस्पताल में ऑक्सीजन को लेकर पाइप लाइन बिछाने का कार्य भी किया जा रहा है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
FIRST PUBLISHED : May 19, 2021, 00:16 IST