हैदराबाद गैंग रेप-मर्डर का खेल महाकुंभ पर भी दिखा असर... लड़कियों को बाहर भेजने से डर रहे पेरेंट्स

देश में हैदराबाद गैंग रेप-मर्डर से हुई घटना को लेकर जो उबाल है उसका असर खेल महाकुंभ में हिस्सा लेने आ रही लड़कियों पर भी दिख रहा है.
युवा कल्याण विभाग में पीटी ट्रेनर प्रमोद पाण्डेय ने कहा कि बालिका खिलाड़ियों के पेरेन्ट्स अब उन्हें नहीं भेजना चाह रहे हैं.
- News18 Uttarakhand
- Last Updated: December 2, 2019, 7:27 PM IST
देहरादून. उत्तराखण्ड (Uttarakhand) में खेल महाकुम्भ (Khel Mahakumbh) का आयोजन चल रहा है जिसमें ब्लॉक स्तर की प्रतियोगिताएं सोमवार से शुरू हो गई हैं लेकिन राज्य भर से खेल महाकुम्भ में शामिल होने आई लड़कियां उस उत्साह के साथ कम्पीट नहीं कर पा रही है जिसके साथ इन्होंने तैयारी की थी. वजह आपको भी परेशान कर सकती है. यहां से 2000 किलोमीटर दूर हुई वारदात का ख़ौफ़ इन बच्चियों पर भी नज़र आ रहा है. दरअसल देश में हैदराबाद गैंग रेप-मर्डर (hyedrabad gang rape-murder) हुई घटना को लेकर जो उबाल है उसका असर खेल महाकुंभ में हिस्सा लेने आ रही लड़कियों पर भी दिख रहा है.
डर रहे हैं माता-पिता
खेल महाकुंभ में शामिल होने आ खिलाड़ियों का कहना है कि घटना का खौफ़ इस कदर है कि खेल महाकुंभ में दूरस्थ इलाकों से हिस्सा लेने आ रही लड़कियां परेशान हैं. सोमवार को ब्लॉक स्तर की प्रतियोगिया में शामिल होने आई लड़कियों ने बताया कि पहले ही माता-पिता खेलने को लेकर मना करते थे लेकिन हैदराबाद की घटना ने उनकी जिंदगी में मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. माता-पिता अब बाहर भेजने में डरने लगे हैं और खेलने से भी मना कर रहे हैं.
सहसपुर से खेल महाकुम्भ में शामिल होने आई कबड्डी प्लेयर करिश्मा रावत ने कहा कि माता पिता खेलने जाने से पहले उदाहरण देते हैं कि देश में क्या हो रहा है. खो-खो प्लेयर आंचल ठाकुर का कहना है कि खाना-पीना छोड़ना पड़ा तब जाकर माता पिता माने.और कम सामने आएंगी प्रतिभाएं
युवा कल्याण विभाग में पीटी ट्रेनर प्रमोद पाण्डेय ने भी इस बात की तस्दीक की. उन्होंने बताया कि बालिका खिलाड़ियों के पेरेन्ट्स अब उन्हें नहीं भेजना चाह रहे जिसकी वजह से पहाड़ में प्रतिभा होने के बावजूद भी वह निखर नहीं पा रही है.
देश भर में हैदराबाद गैंग रेप-मर्डर से हुई घटना को लेकर उबाल है मगर अगर ऐसी घटनाएं बच्चियों की सुरक्षा और उनकी प्रतिभा में बाधा बनें तो बेहद चिंता की बात है. चिंता की बात है कि आज भी हम देश में बेटियां को सुरक्षित करने में कामयाब नहीं हो पाई हैं.ये भी देखें:
PHOTOS: अव्यवस्थाओं का महाकुंभ... खेलने के इंतज़ार में ही निढाल हो रहे बच्चे
PHOTOS: खिलाड़ियों से खेल जारी... नेशनल किक-बॉक्सिंग चैंपियनशिप में बदइंतज़ामी
डर रहे हैं माता-पिता
खेल महाकुंभ में शामिल होने आ खिलाड़ियों का कहना है कि घटना का खौफ़ इस कदर है कि खेल महाकुंभ में दूरस्थ इलाकों से हिस्सा लेने आ रही लड़कियां परेशान हैं. सोमवार को ब्लॉक स्तर की प्रतियोगिया में शामिल होने आई लड़कियों ने बताया कि पहले ही माता-पिता खेलने को लेकर मना करते थे लेकिन हैदराबाद की घटना ने उनकी जिंदगी में मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. माता-पिता अब बाहर भेजने में डरने लगे हैं और खेलने से भी मना कर रहे हैं.
सहसपुर से खेल महाकुम्भ में शामिल होने आई कबड्डी प्लेयर करिश्मा रावत ने कहा कि माता पिता खेलने जाने से पहले उदाहरण देते हैं कि देश में क्या हो रहा है. खो-खो प्लेयर आंचल ठाकुर का कहना है कि खाना-पीना छोड़ना पड़ा तब जाकर माता पिता माने.और कम सामने आएंगी प्रतिभाएं
युवा कल्याण विभाग में पीटी ट्रेनर प्रमोद पाण्डेय ने भी इस बात की तस्दीक की. उन्होंने बताया कि बालिका खिलाड़ियों के पेरेन्ट्स अब उन्हें नहीं भेजना चाह रहे जिसकी वजह से पहाड़ में प्रतिभा होने के बावजूद भी वह निखर नहीं पा रही है.
देश भर में हैदराबाद गैंग रेप-मर्डर से हुई घटना को लेकर उबाल है मगर अगर ऐसी घटनाएं बच्चियों की सुरक्षा और उनकी प्रतिभा में बाधा बनें तो बेहद चिंता की बात है. चिंता की बात है कि आज भी हम देश में बेटियां को सुरक्षित करने में कामयाब नहीं हो पाई हैं.ये भी देखें:
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First published: December 2, 2019, 7:25 PM IST