NH-74 घोटाले में IAS अफ़सर पंकज पांडेय, चंद्रेश यादव निलंबित
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दोनों अफ़सरों के निलंबन की पुष्टि की है.
News18 Uttarakhand
Updated: September 11, 2018, 5:00 PM IST
News18 Uttarakhand
Updated: September 11, 2018, 5:00 PM IST
उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ बड़ी कार्रवाई में करते हुए राज्य सरकार ने दो आईएएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. आईएएस पंकज पांडेय और चंद्रेश यादव को एनएच74 घोटाले के संबंध में निलंबित किया गया है. NH-74 घोटाले में नाम आने के बाद एसआईटी ने दोनों अफसरों से पूछताछ भी की थी. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दोनों अफ़सरों के निलंबन की पुष्टि की है.
एनएच 74 में करीब 300 करोड़ रुपये से ज़्यादा का घोटाला हुआ था जो राज्य में बड़ा मुद्दा रहा है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सत्ता संभालते ही इस मामले में कार्रवाई करने का ऐलान किया था. राज्य सरकार ने इस घोटाले की सीबीआई जांच की सिफ़ारिश भी की थी लेकिन सीबीआई ने यह केस नहीं लिया.
इसके बाद राज्य सरकार ने इस मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी थी. पिछले महीने ही एसआईटी ने दोनों अधिकारियों से पूछताछ भी की थी. तभी से यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि इन अधिकारियों का निलंबन किया जा सकता है.
2011 से 2016 के बीच यूएसनगर के चार तहसीलों, जसपुर, काशीपुर, बाजपुर और सितारगंज में किसानों और कर्मचारियों, अधिकारियों ने भूमि घोटाले को अंजाम दिया था. अब तक इस मामले में 20 लोगों को जेल भेजा जा चुका है, जिसमें पांच पीसीएस अफसर शामिल हैं. अब एसआईटी के निशाने पर उच्च अधिकारी आए हैं.निलंबित दोनों अधिकारी ऊधम सिंह नगर के ज़िलाधिकारी रहे थे. उन्होंने आर्बिट्रेटर की भूमिका में रहते हुए 15 से ज्यादा अनियमितताओं को अंजाम दिया.
(किशोर रावत की रिपोर्ट)
एनएच 47 मुआवजा घोटाला पहुंचा नैनीताल हाईकोर्टएनएच 74 मुआवजा घोटाला: गलत तरीके से लिया अतिरिक्त मुआवजा लौटाएंगे किसान
एनएच 74 में करीब 300 करोड़ रुपये से ज़्यादा का घोटाला हुआ था जो राज्य में बड़ा मुद्दा रहा है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सत्ता संभालते ही इस मामले में कार्रवाई करने का ऐलान किया था. राज्य सरकार ने इस घोटाले की सीबीआई जांच की सिफ़ारिश भी की थी लेकिन सीबीआई ने यह केस नहीं लिया.
इसके बाद राज्य सरकार ने इस मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी थी. पिछले महीने ही एसआईटी ने दोनों अधिकारियों से पूछताछ भी की थी. तभी से यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि इन अधिकारियों का निलंबन किया जा सकता है.
2011 से 2016 के बीच यूएसनगर के चार तहसीलों, जसपुर, काशीपुर, बाजपुर और सितारगंज में किसानों और कर्मचारियों, अधिकारियों ने भूमि घोटाले को अंजाम दिया था. अब तक इस मामले में 20 लोगों को जेल भेजा जा चुका है, जिसमें पांच पीसीएस अफसर शामिल हैं. अब एसआईटी के निशाने पर उच्च अधिकारी आए हैं.निलंबित दोनों अधिकारी ऊधम सिंह नगर के ज़िलाधिकारी रहे थे. उन्होंने आर्बिट्रेटर की भूमिका में रहते हुए 15 से ज्यादा अनियमितताओं को अंजाम दिया.
(किशोर रावत की रिपोर्ट)
एनएच 47 मुआवजा घोटाला पहुंचा नैनीताल हाईकोर्ट
Loading...
Loading...
और भी देखें
Updated: February 23, 2019 07:52 PM ISTVIDEO: सीएम हेल्पलाइन 1905 का मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया शुभारंभ