देहरादून. उत्तराखंड के विजिलेंस विभाग ने जांच में सहयोग न करने का आरोप लगाकर आईएएस रामविलास यादव को गिरफ्तार तो कर लिया, अब उसकी कोर्ट में पेशी करवाई जानी है. इधर, नैनीताल हाई कोर्ट ने इस पूरे मामले में राज्य सरकार से एफिडेविट के साथ जवाब मांगा है. वहीं, आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार किए गए यादव के ठिकानों से मिले कागज़ात और संपत्ति के ब्योरों के सिलसिले में अब विजिलेंस उसकी पत्नी से पूछताछ करने की तैयारी में दिख रही है.
उत्तराखंड के 22 सालों में पहली बार एक आईएएस अधिकारी की गिरफ्तारी से हड़कंप मचा हुआ है. दरअसल, सस्पेंड किए गए कृषि विभाग में अपर सचिव राम विलास यादव को देर रात विजिलेंस ने अरेस्ट किया. आय के अनुपात में संपत्ति न होने के मामले में करीब 13 घंटे चली पूछताछ से सन्तुष्ट न होने पर विजिलेंस ने यादव को अरेस्ट किया. विजिलेंस ने यादव से करीब 300 सवाल किए, जिनमें से केवल 10 फीसदी ही सवालों के जवाब यादव ने दिए और बाकी पूछताछ में सहयोग का रवैया नहीं दिखाया.
विजिलेंस डायरेक्टर अमित सिन्हा ने बताया कि गुरुवार यानी आज 23 जून को आरोपी को कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड मांगी जाएगी. आरोपी रामविलास यादव के पास कई गुना अधिक संपत्ति का ब्यौरा मिला, जिसकी पूछताछ में वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए. सिन्हा ने यह भी बताया कि इस मामले में कई अन्य कंपनियों के जुड़े होने की सूचना उन तक पहुंची है, जिस पर अब जल्द ही छानबीन की जाएगी.
यादव के पास कितनी संपत्ति मिली?
इससे पहले, हाल में विजिलेंस ने राम विलास यादव के 4 ठिकानों काशीपुर, देहरादून, लखनऊ और गाजियाबाद के ठिकानों पर रेड मारी थी. विजिलेंस को करीब आय से 522% अधिक संपत्ति की जानकारी मिली थी. आरोपी के पास लखनऊ में एक आवास, नोएडा में जनता विद्यालय, गाजीपुर में 10 बीघा जमीन होने के साथ ही अन्य प्रॉपर्टी और बैंक खातों का पता चला था. विजिलेंस ने आरोपी के 6 अलग अलग बैंक खातों को भी सीज कर दिया है.
बताया जा रहा है कि आरोपी यादव के पास 500 करोड़ से ज़्यादा की संपत्ति परिजनों के नाम से है. अब विजिलेंस इस मामले में आरोपी की पत्नी से भी जल्द पूछताछ करने की रणनीति बना रही है. बता दें कि पिछले 2 सालों से चल रहे मामले में विजिलेंस ने कॉल कर करीब 20 बार आरोपी को पूछताछ के लिए बुलाया, लेकिन एक बार भी यादव विजिलेंस दफ्तर नहीं गए.
हाई कोर्ट ने विस्तार से मांगा जवाब
राम विलास यादव की गिरफ्तारी के मामले में नैनीताल स्थित हाई कोर्ट के पूछने पर सरकार ने बताया कि जांच में सहयोग न करने के कारण यादव को गिरफ्तार किया गया. इस पर कोर्ट ने शपथ पत्र के साथ जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए. असल में, गिरफ्तारी से बचने के लिए पहले ही हाईकोर्ट में यादव की ओर से याचिका दाखिल की गई थी. अब एफआईआर निरस्त के मामले में अगली सुनवाई 19 जुलाई को होगी.
(दीपांकर भट्ट और नैनीताल से वीरेंद्र बिष्ट के इनपुट्स के साथ)
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