(रिपोर्ट-हिना आज़मी)
देहरादून. उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के मुख्य बाजार में इनामुल्लाह बिल्डिंग (Inamullah Building Dehradun) पिछले 106 वर्षों से एक लंबे इतिहास के साथ खड़ी है. साल 1917 में जब देश में अंग्रेजी हुकूमत थी, तब देहरादून के इनामुल्लाह शेख ने एक 400 मीटर लंबी बिल्डिंग बनवाई थी. इसे उन्होंने गेस्ट हाउस के रूप में बनवाया था. उनके नाम पर ही इस इमारत का नाम इनामुल्लाह बिल्डिंग पड़ गया. दो मंजिला इनामुल्लाह बिल्डिंग की सूरत में अब काफी तब्दीली आ गई है. ग्राउंड फ्लोर पर कई दुकानें बना दी गई हैं, तो यह इलाका अब बाजार का रूप ले चुका है. बताया जाता है कि इनामुल्लाह शेख ने इस बिल्डिंग को किले की तरह बनवाया था.
इनामुल्लाह बिल्डिंग की एक दुकान पर पिछले 60 साल से काम कर रहे संतराम बताते हैं कि 106 साल पहले ब्रिटिश काल में यह बिल्डिंग बनाई गई थी. इसकी खास बात यह है कि यह 400 मीटर लंबे एक ही लिंटर पर बनाई गई है.
चूने और उड़द की दाल से बनी है इनामुल्लाह बिल्डिंग
संतराम ने आगे कहा कि उस वक्त इनामुल्लाह शेख ने एक से डेढ़ रुपये तक मजदूरी देकर कई मजदूरों से यह बिल्डिंग बनवाई थी. तब सीमेंट नहीं होता था. चूने और उड़द की दाल से यह इमारत बनवाई गई, जो आज भी मजबूती के साथ खड़ी है.
इनामुल्लाह शेख की चौथी पीढ़ी रहती है बिल्डिंग में
बता दें कि इनामुल्लाह बिल्डिंग में इनामुल्लाह शेख की चौथी पीढ़ी आज भी रहती है. वहीं, शेख परिवार के सदस्य आज भी अपने पूर्वज की इस इमारत को देखकर गौरवान्वित महसूस करते हैं. इनामुल्लाह शेख के परिवार के सदस्य अतीक शेख ने कहा कि अब तक काफी लोग इधर उधर चले गए हैं. पहले यह गेस्ट हाउस था, लेकिन अब इसमें हमारे परिवार के लोग रहते हैं.
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