International Women Day: उत्तराखंड की महिलाओं को सरकार देगी तोहफा, 160 SHG को ब्याज मुक्त लोन

लोगों को बेसिक धनराशि उपलब्ध करा दी जाए, ताकि वे अपना रोजगार शुरू कर सकें.
International Women Day: महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत 8 मार्च को दीनदयाल सहकारिता किसान कल्याण योजना के अंतर्गत 160 महिला स्वयं सहायता समूहों को पांच -पांच लाख का ब्याज मुक्त लोन (Interest Free Loan) बाटेंगे.
- News18 Uttarakhand
- Last Updated: March 3, 2021, 12:48 PM IST
गैरसैंण. ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (Garsain) इस बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women Day) की भी साक्षी बनेगी. महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आठ मार्च को दीनदयाल सहकारिता किसान कल्याण योजना के अंतर्गत 160 महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप को पांच -पांच लाख का ब्याज मुक्त लोन (Interest Free Loan) बाटेंगे. इसकी सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं. सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि इसके बाद बीस से 30 मार्च तक प्रदेश भर में 10 हजार सेल्फ हेल्प ग्रुप को पांच लाख तक का ब्याज मुक्त लोन दिया जाएगा. इसके लिए सभी विधायक अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में कार्यक्रम आयोजित कर लोन बाटेंगे.
दीनदयाल सहकारिता किसान कल्याण योजना त्रिवेंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके तहत सरकार कॉपरेटिव बैंकों के माध्यम से अल्पकालीन फसली ऋण के रूप में एक लाख रुपए मध्यकालीन ऋण के रूप में तीन लाख रुपए और सेल्फ हेल्प ग्रुप को 5 लाख रुपए तक का ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है. ये ऋण 3 साल तक के लिए दिया जा रहा है. किसानों की जरूरतों को देखते हुए इसमें कृषि के अलावा कृषि से जुड़ी अन्य चीजों के लिए भी ऋण दिया जा रहा है.
ताकि वे अपना रोजगार शुरू कर सकें
राज्य सरकार इस योजना के तहत अभी तक करीब पांच लाख लोगों और करीब डेढ़ हजार सेल्फ हेल्प ग्रुप को दो हजार बासठ करोड़ का लोन बांट चुकी है. मकसद है कि कोरोना काल से प्रभावित किसानों, घर लौटे प्रवासियों को अपने पैरों पर खड़ा किया जाए. उत्तराखंड में कोरोना काल में लाखों की संख्या में लोग दूसरे शहरों से काम धंधा छोड़कर वापस गांव लौटे हैं. इन लोगों के सामने अब रोजगार का संकट खड़ा हो गया है. कोशिश की जा रही है कि लोगों को बेसिक धनराशि उपलब्ध करा दी जाए, ताकि वे अपना रोजगार शुरू कर सकें.
दीनदयाल सहकारिता किसान कल्याण योजना त्रिवेंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके तहत सरकार कॉपरेटिव बैंकों के माध्यम से अल्पकालीन फसली ऋण के रूप में एक लाख रुपए मध्यकालीन ऋण के रूप में तीन लाख रुपए और सेल्फ हेल्प ग्रुप को 5 लाख रुपए तक का ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है. ये ऋण 3 साल तक के लिए दिया जा रहा है. किसानों की जरूरतों को देखते हुए इसमें कृषि के अलावा कृषि से जुड़ी अन्य चीजों के लिए भी ऋण दिया जा रहा है.
ताकि वे अपना रोजगार शुरू कर सकें
राज्य सरकार इस योजना के तहत अभी तक करीब पांच लाख लोगों और करीब डेढ़ हजार सेल्फ हेल्प ग्रुप को दो हजार बासठ करोड़ का लोन बांट चुकी है. मकसद है कि कोरोना काल से प्रभावित किसानों, घर लौटे प्रवासियों को अपने पैरों पर खड़ा किया जाए. उत्तराखंड में कोरोना काल में लाखों की संख्या में लोग दूसरे शहरों से काम धंधा छोड़कर वापस गांव लौटे हैं. इन लोगों के सामने अब रोजगार का संकट खड़ा हो गया है. कोशिश की जा रही है कि लोगों को बेसिक धनराशि उपलब्ध करा दी जाए, ताकि वे अपना रोजगार शुरू कर सकें.