महिलाएं दिल्ली मार्च करेंगी.
राष्ट्रीय मंच की महिला कोऑर्डिनेटर को बाकायदा इसकी ज़िम्मेदारी दी गई है. इसके तहत आने वाली पंद्रह दिसम्बर को देहरादून से बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के पुरुष और महिलाएं जंतर-मंतर पर इकट्ठा होने जा रहे हैं. वहीं इस मार्च को लेकर प्रदेश कांग्रेस बेहद आक्रामक नज़र आ रही है.
आने वाली पंद्रह दिसंबर को यूपी, उत्तराखंड और दिल्ली की हज़ारों मुस्लिम महिलाएं और नौजवान राम मदिर आंदोलन को समर्थन देने के लिए इकट्ठा होने जा रहे हैं. इसके लिए बाकायदा बसों की व्यवस्था की गई है और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की महिला विंग को दिल्ली से ज़िम्मेदारी भी दी गई है.
कार्यक्रम के अनुसार अलग-अलग राज्यों के इस मुस्लिम समुदाय के मार्च की अगुवाई आरएसएस प्रचारक इंद्रेश कुमार करेंगे और राष्ट्रपति को समर्थन का ज्ञापन भी दिया जाएगा.
कांग्रेस ने मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के इस आयोजन को ढोंग बताते हुए देवभूमि उत्तराखंड को बांटने की साजिश बताया है. पार्टी के सीनियर लीडर भाजपा को कलयुगी रावण बताते हुए मंदिर आंदोलन को सीता हरण से जोड़ते हुए चुनावी राजनीति बता रहे हैं.
मुस्लिम महिलाओं का जंतर मंतर जाकर मंदिर आन्दोलन में भागीदारी निभाने के सवाल पर मुस्लिम जानकारों को ये बीजेपी का षड्यंत्र दिखता है. वरिष्ठ पत्रकार एसएमए काज़मी कहते हैं कि बीजेपी के आने के बाद से ऐसी घटनाएं देश भर में बढ़ी हैं और तो और देवभूमि का माहौल भी प्रदूषित करने की कोशिशें की जा रही हैं.
हाल ही में अयोध्या में शिवसेना और आरएसएस के कार्यक्रमों के बाद मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का यह नया प्रयोग कितना कामयाब होगा यह तो पंद्रह दिसंबर को जंतर-मंतर पर नज़र आएगा लेकिन दो बसों में मुस्लिम महिलाओं और तेरह बसों में मुस्लिम पुरुषों को देवभूमि में इकट्ठा करने का टारगेट मंच के लिए बड़ी चुनौती साबित होने वाला है.
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FIRST PUBLISHED : November 30, 2018, 21:36 IST