चुनौतियों भरा है अगला साल... ठोस उपलब्धियों भरा रहा 2020: CM त्रिवेंद्र सिंह रावत

57 विधायकों की प्रचंड बहुमात वाली सरकार चला रहे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के सामने जहां अगला साल चुनौतियों भरा है, वहीं बीते कार्यकाल को वह ठोस उपलब्धियों भरा मानते हैं.
मुख्यमंत्री की नज़र में सरकार की बड़ी उपलब्धि ट्रांसफर एक्ट रही, जिससे ज़रूरतमंद कमर्चारियों को सही पोस्टिंग मिली.
- News18Hindi
- Last Updated: December 14, 2020, 6:33 PM IST
देहरादून. सत्ता में रहते हुए किसी भी सरकार के लिए जनता की उम्मीदें पूरी करना, सबसे बड़ी चुनौती होता है. ऐसे में 57 विधायकों की प्रचंड बहुमात वाली सरकार चला रहे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के सामने जहां अगला साल चुनौतियों भरा है, वहीं बीते कार्यकाल को वह ठोस उपलब्धियों भरा मानते हैं. साल 2021 में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के सामने कुंभ, कोरोना जैसी चुनौतियां हैं तो अब तक के कार्यकाल की उपलब्धियां भी गिनवाने को हैं. आखिर सीएम की नज़र में क्या हैं उनकी बड़ी उपलब्धियां.
स्थिर सरकार, ट्रांस्फ़र एक्ट
उत्तराखंड में साल 2017 में बीजेपी को 57 विधायकों का प्रचंड बहुमत मिला. यही वजह रही कि साल 2007 के बाद राजनीतिक अस्थिरता झेलते राज्य को स्थिर सरकार मिली. इसी राजनीतिक स्थिरता को मुख्यमंत्री बड़ी उपलब्धि मानते हैं.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की नज़र में सरकार की दूसरी बड़ी उपलब्धि ट्रांसफर एक्ट रही और ज़रूरतमंद कमर्चारियों को सही पोस्टिंग मिली. वहीं प्रदेश को हड़तालों से निजात दिलवाकर कर्मचारियों के मसले बात से सुलझाने को भी मुख्यमंत्री उपलब्धि मानते हैं.साल 2020 खत्म होने को है, लेकिन कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है. ऐसे में मार्च से शुरु हुई महामारी से उत्तराखंड को काफी हद तक बचाने को भी सीएम अपनी सरकार की बड़ी कामयाबी मानते हैं.
ज़िलों के दौरे पर जाएंगे सीएम
'बूथ जीतो, उत्तराखंड जीतो'... यह मंत्र बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपने उत्तराखंड दौरे में कार्यकर्ताओं को देकर गए हैं. नड्डा कार्यकर्ताओं में जोश भरकर गए हैं कि उनकी मेहनत 2022 में जीत दिलाएगी. कार्यकर्ताओं में इसी उत्साह को बनाए रखने खुद सीएम ज़िलों और विधानसभा क्षेत्रों में जाएंगे. जहां जनता से भी बात करेंगे और कार्यकर्ताओं से भी.

ज़िलों में योजनाओं की समीक्षा और रात्रि प्रवास का काम मुख्यमंत्री पहले ही शुरू कर चुके थे. बाकी बचे ज़िलों का दौरा दिसंबर के आखिरी हफ्ते में होगा. इनमें 28 दिसंबर को अल्मोड़ा, 29 दिसंबर को चमोली और 30 दिसंबर को रुद्रप्रयाग का दौरा होना है.
साफ़ है राष्ट्रीय अध्यक्ष के आदेश और निर्देश को मुख्यमंत्री अपने दौरों में आगे बढ़ाएंगे और अपनी सरकार की बड़ी योजनाओं और उपलब्धियों को जनता को बताएंगे.
स्थिर सरकार, ट्रांस्फ़र एक्ट
उत्तराखंड में साल 2017 में बीजेपी को 57 विधायकों का प्रचंड बहुमत मिला. यही वजह रही कि साल 2007 के बाद राजनीतिक अस्थिरता झेलते राज्य को स्थिर सरकार मिली. इसी राजनीतिक स्थिरता को मुख्यमंत्री बड़ी उपलब्धि मानते हैं.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की नज़र में सरकार की दूसरी बड़ी उपलब्धि ट्रांसफर एक्ट रही और ज़रूरतमंद कमर्चारियों को सही पोस्टिंग मिली. वहीं प्रदेश को हड़तालों से निजात दिलवाकर कर्मचारियों के मसले बात से सुलझाने को भी मुख्यमंत्री उपलब्धि मानते हैं.साल 2020 खत्म होने को है, लेकिन कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है. ऐसे में मार्च से शुरु हुई महामारी से उत्तराखंड को काफी हद तक बचाने को भी सीएम अपनी सरकार की बड़ी कामयाबी मानते हैं.
ज़िलों के दौरे पर जाएंगे सीएम
'बूथ जीतो, उत्तराखंड जीतो'... यह मंत्र बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपने उत्तराखंड दौरे में कार्यकर्ताओं को देकर गए हैं. नड्डा कार्यकर्ताओं में जोश भरकर गए हैं कि उनकी मेहनत 2022 में जीत दिलाएगी. कार्यकर्ताओं में इसी उत्साह को बनाए रखने खुद सीएम ज़िलों और विधानसभा क्षेत्रों में जाएंगे. जहां जनता से भी बात करेंगे और कार्यकर्ताओं से भी.
ज़िलों में योजनाओं की समीक्षा और रात्रि प्रवास का काम मुख्यमंत्री पहले ही शुरू कर चुके थे. बाकी बचे ज़िलों का दौरा दिसंबर के आखिरी हफ्ते में होगा. इनमें 28 दिसंबर को अल्मोड़ा, 29 दिसंबर को चमोली और 30 दिसंबर को रुद्रप्रयाग का दौरा होना है.
साफ़ है राष्ट्रीय अध्यक्ष के आदेश और निर्देश को मुख्यमंत्री अपने दौरों में आगे बढ़ाएंगे और अपनी सरकार की बड़ी योजनाओं और उपलब्धियों को जनता को बताएंगे.