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Rath Saptami 2023: सूर्यदेव की उपासना का पर्व है रथ सप्तमी, जानिए मान्यताएं

रथ सप्तमी को हिंदू धर्म में कई अन्य नामों से भी जाना जाता है. मान्यता है कि आज के दिन सूर्यदेव का जन्म हुआ था, इसलिए इस ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट- हिना आज़मी

देहरादून: रथ सप्तमी का पर्व शनिवार को पूरे देश में मनाया जा रहा है. यह पर्व माघ माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है. यह दिन सूर्यदेव के उपासकों के लिए अहम है, क्योंकि मान्यतानुसार इस दिन सूर्यदेव का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन को सूर्य जयंती भी कहा जाता है.

हिन्दू पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन सूर्यदेव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस पर्व को मनु सप्तमी, रथ सप्तमी ,आरोग्य सप्तमी, पुत्र सप्तमी और अचला सप्तमी जैसे कई नामों से भी जाना जाता है. शास्त्रों के मुताबिक, इस दिन भोजन में नमक का प्रयोग करना अशुभ माना जाता है.

सूर्यदेव की पूजा से पूर्ण होंगी मनोकामनाएं
पंडित विकास वर्मा ने बताया कि रथ सप्तमी के दिन सूर्यदेव की आराधना कर उन्हें प्रसन्न करने का अवसर होता है. आप प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें और सच्चे हृदय से सूर्य भगवान की पूजा करें. सूर्य मंत्र का उच्चारण करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी. उन्होंने बताया कि सनातन धर्म के त्योहार और उत्सव ऐसे बनाए गए हैं, जिनमें इंसान प्रकृति का आभार जता सके. सूर्यदेव की पूजा इसलिए की जाती है, क्योंकि पूरे ब्रह्मांड को प्रकाशित और ऊर्जा देने वाले सूर्यदेव हैं, इसलिए आज के दिन सूर्यदेव की पूजा करने से पुण्य मिलता है.

भोजन में न करें नमक, लहसुन का प्रयोग
मान्यता है कि रथ सप्तमी को तीर्थ में स्नान करने से सात प्रकार के महापापों का नाश होता है. पंडित विकास वर्मा का कहना है कि इस दिन उपवास रखने की कोशिश करें और अगर आप नहीं रख सकते हैं तो सात्विक आहार ग्रहण करें, मतलब नमक, लहसुन, प्याज आदि का प्रयोग भोजन में न करें, क्योंकि नमक शरीर को उत्तेजित करता है.

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