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उत्तराखंड चुनावः क्या पूर्व सीएम विजय बहुगुणा की विरासत को बचा पाएंगे विधायक बेटे सौरभ?

Uuttarakhand Assembly Election 2022: सितारगंज विधानसभा सीट बचाने के लिए विधायक सौरभ बहुगुणा पूरा जोर लगाए हुए हैं. इसी क्रम में बीते दिनों सीएम पुष्कर धामी ने जनसभा भी की थी.

Uuttarakhand Assembly Election 2022: सितारगंज विधानसभा सीट बचाने के लिए विधायक सौरभ बहुगुणा पूरा जोर लगाए हुए हैं. इसी क्रम में बीते दिनों सीएम पुष्कर धामी ने जनसभा भी की थी.

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022: पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा की परंपरागत सितारगंज विधानसभा सीट अभी उनके बेटे विजय बहुग ...अधिक पढ़ें

सितारगंज/देहरादून. कभी कांग्रेस-बसपा का गढ़ रही सितारगंज विधानसभा सीट अभी भारतीय जनता पार्टी के कब्जे में है. तराई की इस विधानसभा में बंगाली और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक हैं. यानी इन मतदाताओं का पलड़ा जिस दल की तरफ झुका, जीत का जीत का सेहरा उसके सिर बंधना तय है. प्रदेश में अगले साल विधानसभा का चुनाव होना है, ऐसे में इस वीआईपी सीट की चर्चा लाजिमी है.

दरअसल, सितारगंज विधानसभा सीट पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के नाम से जानी जाती रही है. अभी यहां से उनकी विरासत को बेटे विधायक सौरभ बहुगुणा ने संभाल रखी है. इस विधानसभा सीट पर लगभग 40 प्रतिशत बंगाली मतदाता किसी दल के लिए जीत का बड़ा कारण हैं. वहीं दूसरे नम्बर पर लगभग 25 फीसदी मुस्लिम वोटर भी किसी दल के उम्मीदवार की जीत के लिए निर्णायक साबित होते हैं. बीते दिनों शक्तिफार्म में सीएम पुष्कर सिंह धामी की जनसभा में उमड़ी भीड़ से विधायक सौरभ बहुगुणा ने चुनाव से पहले पार्टी को क्षेत्र में अपनी ताकत का अहसास कराया है. लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव में यह ताकत बरकरार रहेगी या नहीं, इस पर सियासी जानकारों की नजरें टिकी हैं.

सीएम धामी ने भी लगाया जोर

सितारगंज विधानसभा सीट पर बंगाली समुदाय के मतदाताओं की बहुलता को देखते हुए चुनाव से पहले धामी सरकार इन्हें लुभाने का प्रयास कर रही है. सीएम धामी ने जिस तरह बंगाली समुदाय के नाम से पहले पूर्वी पाकिस्तान शब्द हटाकर उन्हें ना सिर्फ साधा है, बल्कि घर में रहने वाली महिलाओं को समूह के माध्यम से रोजगार देकर महिलाओं का भी नजरिया बदल दिया है.

तराई में सितारगंज एक अकेली विधानसभा है जहां अल्पसंख्यक कहे जाने वाले बंगाली और मुस्लिम बड़ी संख्या में हैं. इसके अलावा अनुसूचित जाति, सिख और पर्वतीय समाज के मतदाता भी 10 से 15 प्रतिशत हैं. ऐसे में अब  यह देखना बड़ा दिलचस्प होगा कि कैसे 2022 में सौरभ बहुगुणा अपने पिता की दी विरासत को सहेजेंगे.

Tags: CM Pushkar Dhami, Uttarakhand Elections 2022

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