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उत्तराखंड में नहीं बिक रही 100 फीसदी शराब, परेशान कारोबारी बोले- यही हाल रहा तो......

महंगी शराब खरीदने के लिए महिलाओं के साथ लूट की वारदात को अंजाम दिया जा रहा है.

महंगी शराब खरीदने के लिए महिलाओं के साथ लूट की वारदात को अंजाम दिया जा रहा है.

सबसे बड़ी मुश्किल अब प्रदेश के लिए खड़ी होने वाली है, क्योंकि शराब कारोबारी मौजूदा हालात देखते हुए दुकान सरेंडर करने का प ...अधिक पढ़ें

देहरादून. उत्तराखंड (Uttarakhand) की अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने सरकार कई तरह की कवायद कर रही है. सरकार एक-एक पैसा बचा रही है ताकि कोरोना संकट (Coronavirus) में आर्थिक हालात खराब ना हो. सरकार खर्च को भले ही कम कर रही हो लेकिन जिस आबकारी विभाग को कमाई करनी है वो सबसे बड़ी मुश्किल में आंखें मूंदे बैठा हुआ है. आबकारी विभाग (Excise Department) को एक साल में 3600 करोड़ का राजस्व और 250 करोड़ का कोविड टैक्स (COVID Tax) जमा करना है. लेकिन इतनी बड़ी रकम कमाना आसान नहीं है. फिलहाल, इसको लेकर कोई प्लान भी बनता दिखाई नहीं दे रहा है.


सबसे बड़ी मुश्किल अब प्रदेश के लिए खड़ी होने वाली है, क्योंकि शराब कारोबारी मौजूदा हालात देखते हुए दुकान सरेंडर करने का प्लान कर रहे हैं. शराब कारोबारी परेशान है क्योंकि बीते सालों की तरह इस बार शराब की 100 फीसदी बिक्री नहीं हो पा रही है .महीने की बिक्री सिर्फ 30 फीसदी पर आकर सिमट गई है. उत्तराखंड में शराब हमेशा से राजनीति का बड़ा मुद्दा रहा है, लेकिन इतने मुश्किल हालात में भी आबकारी विभाग का कोई प्लान नहीं दिख रहा कि सबसे ज़्यादा कमाई वाले विभाग में हालात कैसे सुधारे जाएं. अब सवाल ये है कि जब सरकार पाई-पाई बचाने के लिए संघर्ष कर रही हो ऐसे में आबकारी विभाग का सुस्त रवैया सवालों के घेरे में है.


शराब कारोबारियों ने बताया हाल


शराब कारोबारी राम कुमार वालिया का कहना है कि शादी, समारोह, पार्टी का आयोजन नहीं हो रहा. वहीं कोरोना की वजह से टूरिस्ट गायब हैं. ऐसे में जब बिक्री ही नहीं होगी तो कमाई होना मुश्किल है. आश्चर्य इस बात का है कि शराब से कमाई हो नहीं रही और विभाग आस लगाए बैठा है कि कोविड टैक्स जमा होगा. पर जब शराब ही नहीं बिकेगी तो कैसी कमाई और कहां का टैक्स?





ऐसे हालातों में भी 148 दुकानें बंद पड़ी हैं. आबकारी विभाग के वित्तीय वर्ष के 3 महीने बीत चुके हैं, लेकिन कोई चिंता नज़र नहीं आती. आबकारी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिला आबकारी अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है. उसके बाद दुकानों को खोलने पर विचार किया जाएगा.







सरकार ने लॉन्च की ये योजना


उत्तराखंड लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना लॉन्च की है. इस योजना में 10 लाख और 25 लाख तक के लोन सब्सिडी के साथ मिलेंगे. सीएम त्रिवेंद्र रावत खुद इस प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. फंड की कमी ने हो इसके लिए सभी जिलों के डीएम को कुल 110 करोड़ रुपए जारी कर दिए गए हैं. वहीं सीएम रावत ने कहा है कि जहां नेट कनेक्टिविटी की परेशानी हो, वहां एप्लिकेशन ऑफलाइन भी भरने की व्यवस्था की जाएगी.




Tags: Liquor, Lockdown-5, Unlock 1.0, Uttarakhand Government, Uttarakhand news

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