देहरादून. उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र निर्धारित अवधि से तीन दिन पहले ही यानी आज 17 जून को संपन्न हो सकता है. विधानसभा स्पीकर ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि कार्य मंत्रणा में यह निर्णय ले लिया गया है. वहीं, इस फैसले को एकतरफ़ा बताते हुए पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने इस रवैये का विरोध किया. इससे पहले 16 जून को बजट सत्र में खासा हंगामा बरपा रहा. ज़िला विकास प्राधिकरण मुद्दे पर विपक्ष के वेल में आ जाने, बजट की कॉपियां फाड़ने और मार्शल के साथ कांग्रेस विधायकों की धक्का मुक्की जैसी खबरें चर्चा में रहीं.
14 जून से शुरू हुए बजट सत्र की अवधि को कम किए जाने पर राज्य सरकार का तर्क है कि सदन को चलाए रखने के लिए कोई वजह या काम बचा ही नहीं है इसलिए इसे समय से पहले समाप्त किया जा रहा है. वहीं, कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि पहले सरकार ने गैरसैंण में बजट सत्र करवाए जाने के फैसले को बदल दिया और अब सत्र की अवधि को भी मनमाने ढंग से कम कर रही है. विपक्ष ने सरकार पर चर्चा न करने और सवालों के जवाब से बचने के आरोप लगाए.
इससे पहले गुरुवार को सदन को एक से ज़्यादा बार स्थगित करने की नौबत इसलिए आई क्योंकि विपक्ष ने चर्चा के लिए बार बार मांग उठाई. ज़िला विकास प्राधिकरण को लेकर विपक्ष ने हंगामा किया और सदन के वेल तक पहुंच गए. सरकार के जवाब पर असंतोष जताकर प्राधिकरणों को भ्रष्टाचार का अड्डा बताते हुए विधायकों ने काफी देर वेल में बैठकर धरना भी दे डाला. नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के नेतृत्व में यह विरोध प्रदर्शन किया गया.
एक नज़र : हंगामा किस तरह बरपा रहा!
— कांग्रेस विधायक मनोज तिवारी ने कहा, ज़िला विकास प्राधिकरण निरस्त करने ही होंगे.
— हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही 4 बजे तक स्थगित करनी पड़ी.
— सदन में कांग्रेस विधायकों की नारेबाज़ी के दौरान विधायक अनुपमा रावत को रोकने बुलाई गई मार्शल.
— अनुपमा व विधायक सुमित हृदयेश की मार्शलों के साथ धक्कामुक्की भी हुई.
— विपक्ष ने सदन में बजट की कॉपियों के पर्चे उड़ा दिए.
— बीएसपी विधायक भी कांग्रेस के साथ विरोध में शामिल हुए.
और कौन से मामले सदन में उठे?
गुरुवार को सदन की कार्यवाही के दौरान कोऑपरेटिव बैंकों में फोर्थ क्लास भर्ती का मामला प्रीतम सिंह ने उठाया. नियुक्तियों को लेकर सिंह के सवालों का जवाब मंत्री धनसिंह रावत ने देते हुए कहा कि पूरे देश में सेवा मंडल से नियुक्ति होती है. हरिद्वार में भर्तियों को लेकर शिकायत का एक मामला साल 2016 का बताया गया, तो सिंह ने एसआईटी जांच की मांग की. इसके अलावा, 26.6 करोड़ से ज़्यादा के भुगतान के गोल्डन कार्ड मामले में सवाल बीजेपी विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने उठाया.
ऑक्सीजन की कमी से मौत नहीं!
उत्तराखंड में एक कोविड संक्रमित की मौत होने की खबर भी गुरुवार को आई, तो कल ही सदन के भीतर राज्य सरकार ने दावा किया कि ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई. झबरेड़ा विधायक वीरेंद्र जाती के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री ने जवाब देते हुए यह दावा किया. जाती ने कहा था, रुड़की में ऑक्सीजन न मिलने से 5 लोगों की मौत हुई तो क्या दोषी अफसरों पर कोई कार्रवाई होगी?
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Tags: Uttarakhand Budget 2022, Uttarakhand Vidhan Sabha
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