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उत्तराखंड ने रचा इतिहास: गणतंत्र दिवस परेड में झांकी को मिला प्रथम स्थान, जानें क्या था खास

उत्तराखंड की झांकी का विषय मानसखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ही सुझाया था.

उत्तराखंड की झांकी का विषय मानसखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ही सुझाया था.

Uttarakhand Created History: उत्तराखंड ने इस बार गणतंत्र दिवस पर इतिहास रच दिया. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गणतंत्र द ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

झांकी के निर्माण के लिए कलाकारों ने दिन रात मेहनत की थी
गणतंत्र दिवस से पहले मुख्यमंत्री ने दिल्ली जाकर खुद इस झांकी का निरीक्षण किया था
झांकी में प्रसिद्ध कॉर्बेट नेशनल पार्क और बारहसिंगा समेत कस्तूरी मृग को दिखाया गया था

देहरादून. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस की परेड (Republic Day Parade 2023) में उत्तराखंड की झांकी मानसखंड  (Tableau Manskhand) को देशभर में प्रथम स्थान मिलने से राज्य का नाम इतिहास में दर्ज हो गया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने इस उपलब्धि के लिए प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि हम सबके लिए गौरवशाली पल है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पुराणों में गढ़वाल का केदारखंड और कुमाऊं का मानसखंड के रूप में वर्णन किया गया है. स्कंदपुराण में मानसखंड के बारे में बताया गया है. जागेश्वर मंदिर की बहुत धार्मिक मान्यता है.

सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमेशा अपनी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करने की बात कही है. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सांस्कृतिक नवजागरण में उत्तराखंड सरकार भी काम कर रही है. मानसखंड मंदिर माला मिशन योजना भी इसी दिशा में महत्वपूर्ण पहल है. मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत चार धाम की तर्ज पर कुमाऊं क्षेत्र के पौराणिक मंदिरों को भी विकसित किया जा रहा है.

झांकी का विषय सीएम धामी ने सुझाया था
भारत सरकार को भेजा गया झांकी का विषय मानसखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ही सुझाया था. उन्होंने मंदिर माला मिशन के तहत मानसखंड के रूप में इस विषय का सुझाव दिया था. गणतंत्र दिवस से पहले मुख्यमंत्री ने दिल्ली जाकर खुद इस झांकी का निरीक्षण किया था. झांकी निर्माण की गंभीरता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि जब दिल्ली कैंट में झांकी का निर्माण किया जा रहा था तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने झांकी का निरीक्षण करते हुए झांकी को उत्कृष्ट एवं राज्य की संस्कृति के अनुरुप निर्माण के लिये सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक/ नोडल अधिकारी के एस चौहान को निर्देश दिए थे.

कलाकारों ने दिन रात की थी मेहनत
झांकी के निर्माण के लिए इसे बनाने वाले कलाकारों ने दिन रात मेहनत की थी. झांकी निर्माण का कार्य 31 दिसंबर को प्रारंभ किया गया था. झांकी निर्माण का कार्य सुबह 4 बजे से रात 12 बजे तक किया जाता था. इसके साथ ही झांकी में सम्मिलित कलाकारों को टीम लीडर के साथ कड़ाके की सर्दी में कर्तव्य पथ रिहर्सल के लिए 4 बजे जाना पड़ता था.

ऐसे होता है झांकी का अंतिम चयन
सितंबर माह में भारत सरकार की ओर से सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों एवं मंत्रालयों से प्रस्ताव मांगे जाते हैं।. अक्टूबर तक राज्य सरकारें विषय का चयन कर प्रस्ताव भारत सरकार को भेजती है. उसके बाद भारत सरकार प्रस्तुतिकरण के लिये आमंत्रित करती है. पहली बार की मीटिंग में विषय के आधार चार्ट पेपर में डिजाइन तैयार कर प्रस्तुत करना होता है. आवश्यक संशोधन करते हुए तीन बैठकें डिजाइन निर्माण के सन्दर्भ में होती है. जिन प्रदेशों के डिजाइन कमेटी को सही नहीं लगते हैं उनको शार्टलिस्ट कर देती है. उसके बाद झांकी का मॉडल बनाया जाता है. थीम सांग 50 सैकेंड का होता है जो उस प्रदेश की संस्कृति को प्रदर्शित करता है. जब सभी स्तर से भारत सरकार की विशेषज्ञ समिति संतुष्ट हो जाती है तब झांकी का अंतिम चयन किया जाता है.

मानसखंड की झांकी में यह था खास इसलिए मिला प्रथम स्थान
गढ़वाल की चारधाम यात्रा की भांति सरकार कुमाऊं में मंदिर माला मिशन के अंतर्गत पर्यटन बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं. इसी के दृष्टिगत प्रसिद्ध पौराणिक जागेश्वर धाम को दिखाया गया था. झांकी में उत्तराखंड का प्रसिद्ध कॉर्बेट नेशनल पार्क, बारहसिंगा, उत्तराखंड का राज्य पशु कस्तूरी मृग, गोरल, देश के राष्ट्रीय पक्षी मोर, उत्तराखंड के प्रसिद्ध पक्षी घुघुती, तीतर, चकोर, मोनाल और उत्तराखंड की प्रसिद्ध ऐपन कला को प्रदर्शित किया गया था. झांकी के आगे और पीछे उत्तराखंड का नाम भी ऐपन कला से लिखा गया था. जागेश्वर धाम का मंदिर घनघोर देवदार के वृक्षों के बीच में है. इसलिए झांकी में मंदिर के आगे और पीछे घनघोर देवदार के वृक्षों का सीन तैयार किया गया था.

Tags: CM Pushkar Singh Dhami, Dehradun news, Republic Day Parade, Uttarakhand news

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