उत्तराखंड सरकार और कर्मचारी संगठनों में एक बार फिर तनातनी

कर्मचारी संगठन नेता दीपक जोशी संबोधित करते हुए
कमेटी के संयोजक दीपक जोशी का कहना है कि सरकार के आश्वासन पर कर्मचारियों ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था लेकिन सरकार ने अपनी वचनबद्वता नहीं निभाई.
- News18 Uttarakhand
- Last Updated: February 5, 2019, 9:10 PM IST
उत्तराखंड में सरकार और कर्मचारी संगठनों में एक बार फिर तनातनी की स्थिति बन गई है. 31 जनवरी को सामूहिक अवकाश में सम्मलित कर्मचारियों को महीने के पांच दिन बीतने के बावजूद भी वेतन नहीं मिलने से कर्मचारी संगठनों में भारी रोष है. कर्मचारी संगठनों की कॉआर्डिनेशन कमेटी ने इसे वायदा खिलाफी बताते हुए बुधवार को साढ़े ग्यारह बजे सचिवालय स्थित संघ भवन में आपात बैठक बुलाई है. कमेटी के संयोजक दीपक जोशी का कहना है कि सरकार के आश्वासन पर कर्मचारियों ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था लेकिन सरकार ने अपनी वचनबद्वता नहीं निभाई.
अब तक खातों में आने से कर्मचारियों में भारी गुस्सा है. नतीजा यह है कि कर्मचारी स्थगित किए गए महारैली के कार्यक्रम को एक बार फिर शुरू करने पर विचार करेंगे. पूर्व में सरकार ने आश्वस्त किया था कि यह वेतन निर्धारित तिथि पर मिल जाएगा. वैसे भी कर्मचारी संगठन जो कर्मचारियों की दबी हुई मांगें और मुद्दे हैं, उनको लोकसभा चुनाव से पूर्व उछालना चाहते हैं, जिससे त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार पर एक दबाव बना उन मांगों को मनवाया जा सके.
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अब तक खातों में आने से कर्मचारियों में भारी गुस्सा है. नतीजा यह है कि कर्मचारी स्थगित किए गए महारैली के कार्यक्रम को एक बार फिर शुरू करने पर विचार करेंगे. पूर्व में सरकार ने आश्वस्त किया था कि यह वेतन निर्धारित तिथि पर मिल जाएगा. वैसे भी कर्मचारी संगठन जो कर्मचारियों की दबी हुई मांगें और मुद्दे हैं, उनको लोकसभा चुनाव से पूर्व उछालना चाहते हैं, जिससे त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार पर एक दबाव बना उन मांगों को मनवाया जा सके.
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